जयपुर.प्रदेश में बिजली के बढ़े हुए बिलों पर सियासत गरमा गई है. भाजपा इस मामले में प्रदेशव्यापी आंदोलन और धरना प्रदर्शन का ऐलान कर चुकी है. लेकिन ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला का कहना है कि इसका समाधान केवल केंद्र सरकार ही कर सकती है. कल्ला ने कोरोना के संक्रमण काल में आंदोलनकारी भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं को डिजिटल और वर्चुअल तरीके से विरोध-प्रदर्शन करने की नसीहत दी है.
नियामक आयोग करता है तय, डिस्कॉम को नहीं होता कोई फायदा
ऊर्जा मंत्री के अनुसार बीजेपी विपक्ष में होने के नाते विरोध प्रदर्शन कर रही है, जबकि आम उपभोक्ता सरकार की ओर से दी गई छूटों का फायदा उठाते हुए लगातार अपने बिजली के बिल जमा करवा रहे हैं. कल्ला ने यह भी कहा किस पर फ्यूल चार्जेस लगाना या नहीं लगाना यह सरकार का नहीं, बल्कि विद्युत विनियामक आयोग का काम है. उसमें डिस्कॉम को किसी तरह का का कोई फायदा नहीं होता, क्योंकि समय-समय पर जब कोयला या अन्य फ्यूल का चार्जेस बढ़ता है, तो इसके साथ ही आयोग की गाइडलाइन के अनुसार इस अधिभार को समायोजित करने के लिए उपभोक्ताओं पर भार डाला जाता है. लेकिन इसमें डिस्कॉम को अतिरिक्त कोई फायदा हो, ऐसा बिल्कुल नहीं है.
भाजपा की कथनी करनी में अंतर- कल्ला
ETV भारत से बातचीत के दौरान कल्ला ने भारतीय जनता पार्टी की कथनी और करनी में अंतर होने की बात भी कही. उनके अनुसार बिजली के बढ़े हुए बिल और भुगतान में राहत देने के लिए डिस्कॉम ने कई प्रकार की छूट उपभोक्ताओं को दी. इसका फायदा भी उपभोक्ताओं ने लिया और 90 फीसदी बिल भी जमा हुए. अब विपक्ष के नाते भाजपा 28 ,29 और 31 अगस्त और 2 सितंबर को विरोध प्रदर्शन करना चाह रही है, तो करें. लेकिन कोरोना के संकट काल में सोशल डिस्टेंसिंग और गाइडलाइन की पालना करना चाहिए और यदि विरोध प्रदर्शन करना ही है तो वर्चुअल और डिजिटल तरीके से करें.