जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए अब कांग्रेस की ओर से रणनीति बनाना और विधायकों की बाड़ेबंदी करना शुरू हो गया है, लेकिन इस बार की तस्वीरें कुछ बदली हुई नजर आ रही है. जहां अब तक गुजरात और मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायकों को राजस्थान में बाड़ेबंदी के लिए लाया गया था और उन विधायकों की राजस्थान में जो मंत्री देखरेख कर रहे थे, आज वही विधायक और मंत्री खुद बाड़ेबंदी में आ गए हैं.
राजस्थान में विधायकों की बाड़ेबंदी राजधानी जयपुर के शिव विलास रिसॉर्ट में सभी विधायकों को रोका गया है. कहा जा रहा है अब इन विधायकों की राज्यसभा चुनाव तक यहीं पर बाड़ेबंदी रहेगी. वहीं, बीटीपी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के चारों विधायक इस बाड़ेबंदी में दिखाई नहीं दे रहे हैं, लेकिन उसके अलावा ज्यादातर सभी निर्दलीय विधायक बुधवार को इस बैठक में मौजूद हैं.
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बता दें कि निर्दलीय विधायकों में खुशवीर सिंह, ओम प्रकाश हुडला, महादेव सिंह खंडेला, संयम लोढ़ा समेत ज्यादातर निर्दलीय विधायक इस बाड़ेबंदी में मौजूद रहे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, पर्यवेक्षक रणदीप सुरजेवाला और सह प्रभारी विवेक बंसल अब इन विधायकों और मंत्रियों के साथ विधायक दल की बैठक करेंगे. वहीं, बैठक में कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह भी नहीं आए.
माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों तक यह विधायक यही रहेंगे, जिसे ट्रेनिंग और मॉकपोल का नाम दिया गया है. हालांकि यह तय नहीं है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट बुधवार रात को यही रुकेंगे या वापस निकलेंगे.
राजेश पायलट की पुण्यतिथि कल, दौसा जाने पर सस्पेंस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश पायलट की गुरुवार को पुण्यतिथि भी है. ऐसे में अब यह देखना रोचक हो गया है कि बाड़ेबंदी में आए विधायक गुरुवार को उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में पहुंचते हैं या नहीं.