जयपुर.गुजरात के विधायकों को राजस्थान में कब तक बाड़ाबंदी में रहना होगा. इसका निर्णय कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाथ में है. अगर सोनिया गांधी गुजरात में दोनों प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने का निर्णय लेती हैं, तो ऐसे में गुजरात कांग्रेस के नेताओं को कुछ और दिन जयपुर में गुजारने पड़ सकते हैं.
गुजरात कांग्रेस के विधायकों की बाड़ेबंदी से कब होगी मुक्ति... अगर 2 प्रत्याशी मैदान में रहे तो फिर विधायकों की जोड़तोड़ की संभावना को देखते हुए इन विधायकों को जयपुर ही रखा जाएगा. लेकिन अगर गुजरात में एक ही राज्यसभा प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाता है तो ऐसी स्थिति में गुजरात के विधायक बुधावर शाम तक ही राजस्थान से रवाना हो सकते हैं.
गुजरात में कांग्रेस के पास 68 विधायक है और उन्हें 1 सीट जीतने के लिए 35 मतों की आवश्यकता है. अगर कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग कर भी देते हैं, तो भी एक राज्यसभा सीट जीतने में कांग्रेस को किसी तरीके की दिक्कत नहीं आएगी. गुजरात के विधायकों को बाड़ेबंदी से मुक्ति बुधवार को नामांकन के आखिरी दिन तय हो जाएगी.
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राजस्थान में पहले महाराष्ट्र फिर मध्य प्रदेश और वर्तमान में गुजरात के विधायकों की बाड़ेबंदी की गई है. लेकिन अब राजस्थान कांग्रेस के विधायकों की भी बाड़ेबंदी की जा सकती है. ये सब भाजपा के प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत के नामांकन पर निर्भर करेगा. अगर भाजपा अपने दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत का नामांकन वापस ले लेती है तो ऐसी स्थिति में तीनों सीटों पर चुनाव निर्विरोध हो जाएंगे. अगर वह अपना नामांकन वापस नहीं लेते हैं तो कांग्रेस फिर किसी तरीके का कोई रिस्क नहीं लेगी और अपने विधायकों की भी उसे बड़ाबंदी करनी पड़ सकती है.