जयपुर. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के बैनर तले कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर धरना दिया. इस दौरान कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया, कि कर्मचारियों की 9 सूत्रीय मांगे हैं. पिछली बार मुख्यमंत्री से इस संबंध में वार्ता भी हुई थी, उस समय उन्होंने सभी मांगें मानने का आश्वासन दिया था. लेकिन डेढ़ महीना होने के बावजूद भी सरकार ने मांगों को लेकर कोई उचित कार्रवाई नहीं की. इसलिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर इस तरह का धरना दिया जा रहा है.
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गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा, कि यदि सरकार ने जल्द ही मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की तो कर्मचारी सड़क पर उतरेंगे. उन्होंने बताया, कि मांग पूरी नहीं होने से कर्मचारियों में आक्रोश है.
ये हैं प्रमुख मांगें...
- कर्मचारियों की वेतन कटौती का आदेश वापस लेने
- वेतन विसंगतियों को दूर करने और भत्ते तय करने के लिए बनाई गई डीसी सामन्त समिति की रिपोर्ट को प्रकाशित करने
- केंद्र के सातवें वेतन आयोग के अनुरूप पे लेवल निर्धारित करने
- राज्य कर्मचारी को 9, 18 और 27 वर्ष के स्थान पर 7, 14, 21, 28 और 32 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर चयनित वेतनमान का लाभ देते हुए पदोन्नति करने
- पे मैट्रिक्स देने
इसके अलावा कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, कांग्रेस के जन घोषणा पत्र 2018 को लागू करने, राज्य सरकार की ओर से पूर्व में गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति और अन्य समितियों की ओर से कर्मचारी संघ, महासंघ एकीकृत एवं संयुक्त संघर्ष समिति के मांग पत्र पर लिए गए निर्णय की पालना करने, कांग्रेस सरकार की वर्ष 2013 की घोषणा के अनुसार मंत्रालयिक संवर्ग की सभी 26 हजार पद सृजित करने, जुलाई 2019 से देय 5 फीसदी महंगाई भत्ते का आदेश जारी करने सहित कर्मचारियों ने कई मांगें सरकार के सामने रखी.
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धरना प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़, उपाध्यक्ष कुलदीप यादव, मुख्य महामंत्री राजेंद्र प्रसाद शर्मा, महामंत्री अमरजीत सिंह सैनी सहित कई कर्मचारी मौजूद रहे.