जयपुर.केंद्र की सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली रूफटॉप सोलर योजना पर पिछले एक साल से (Electricity smart meter ends ) राजस्थान में ब्रेक लगा हुआ था. अब केंद्र की बिजली स्मार्ट मीटर लगाने की योजना की गति भी राजस्थान में थम गई है. पूर्व में जो मीटर लग गए उसके बाद नए स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया रुक गई है. जिसके चलते डिस्कॉम के साथ बिजली उपभोक्ताओं को भी कई प्रकार के नुकसान हो रहे हैं.
केंद्र सरकार के सहयोग से लगाए जा रहे बिजली के स्मार्ट मीटर हर बिजली उपभोक्ता के यहां लगवाने हैं. इसके लिए शुरुआत में तेजी से काम भी हुआ और जयपुर डिस्कॉम में आने वाले 12 जिलों में 4 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगा दिए गए. लेकिन उसके बाद यह काम रुक गया. कारण था डिस्कॉम के पास स्मार्ट मीटर खत्म होना और नए स्मार्ट मीटर के लिए टेंडर नहीं होना. जयपुर डिस्कॉम में आने वाले प्रदेश के 12 जिलों में करीब 55 लाख बिजली उपभोक्ता हैं. जिनमें से 51 लाख बिजली उपभोक्ताओं के यहां नई तकनीक वाला स्मार्ट मीटर नहीं लग पाया है. जयपुर शहर की बात की जाए तो यहां करीब 9.50 लाख बिजली उपभोक्ता हैं. जिनमें से महज 2 लाख 20 हजार उपभोक्ता को ही स्मार्ट मीटर की सौगात मिल पाई है.
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केंद्र की इस योजना के तहत मिलता है अनुदानःकेंद्र सरकार की आरडीएसएस स्कीम के तहत इन स्मार्ट मीटर्स की खरीद होती है. जिनमें 15 फीसदी का अनुदान केंद्र सरकार देती है, बाकी बिजली कंपनियों को वहन करना पड़ता है. लेकिन इस अनुदान के अलावा योजना के तहत बिजली वितरण कंपनियों को अपना इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने और मजबूती के लिए 60 प्रतिशत तक ग्रांट केंद्र सरकार देती है. स्मार्ट मीटर के कई फायदे हैं. डिस्कॉम की दृष्टि से देखा जाए तो जिस उपभोक्ता के यहां स्मार्ट मीटर लगा है, वहां बिजली की खपत से जुड़े आंकड़े और मीटर रीडिंग का काम मैन्युअल नहीं करवा कर संबंधित सब डिवीजन कार्यालय से ही किया जा सकता है. वहीं आम उपभोक्ताओं के फायदे के लिहाज से भी स्मार्ट मीटर काफी उपयोगी है. स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली उपभोक्ता मोबाइल पर बिजली मित्र एप डाउनलोड कर अपने घर प्रतिष्ठान में खर्च होने वाली बिजली पर ऑनलाइन नजर रख सकता है.
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इसके अलावा बिजली से जुड़ी तमाम शिकायतें ऑनलाइन ही बिजली मित्र एप पर दर्ज करा सकता है. बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर का सबसे बड़ा फायदा प्रीपेड मीटर करवाने पर होता है. जिसमें प्रीपेड मीटर करवाने के बाद 15 पैसे प्रति यूनिट की दर से छूट उपभोक्ताओं को मिलती है. ऐसे में जब तक स्मार्ट मीटर नहीं लगता है तब तक जयपुर डिस्कॉम के ही करीब 51 लाख बिजली उपभोक्ताओं को इस फायदे से फिलहाल महरूम रहना होगा.
स्मार्ट मीटर खरीद के टेंडर का इंतजारः स्मार्ट मीटर की खरीद केंद्र की आरडीएसएस योजना के तहत होगी. इसके लिए टेंडर (Tender pending for purchase of new meters) होना बाकी है. यह टेंडर कब तक होंगे, इसकी समय अवधि डिस्कॉम से जुड़े अधिकारी बताने से बचते हैं. लेकिन जल्दी ही यह खरीद करने की बात भी कहते हैं. माना जा रहा है कि टेंडर और खरीद की है प्रक्रिया कम से कम 3 से 4 महीने में ही पूरी हो पाएगी.