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Electricity Employees Protest : बिजली कर्मचारियों का आंदोलन जारी, तीसरे चरण में सभी "मुख्य अभियंता कार्यालय" में किया विरोध प्रदर्शन - Rajasthan hindi news

बिजली कर्मचारियों का ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करवाने समेत 27 सुत्रीय मागों को लेकर आंदोलन जारी (Electricity employees movement continues) है. आंदोलन के तीसरे चरण में मुख्य अभियंता कार्यालय में बुधवार को बिजली कर्मचारियों ने मुख्य अभियंता को 27 सुत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

Electricity employees movement continues
प्रदर्शन करते बिजली कर्मचारी

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Published : Jul 20, 2022, 7:03 PM IST

जयपुर. विद्युत निगमों में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करवाने समेत 27 सूत्री मांग पत्र के समर्थन में बिजली कर्मचारियों का आंदोलन जारी (Electricity employees movement continues) है. आंदोलन के तीसरे चरण में बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश के सभी मुख्य अभियंता कार्यालय में बुधवार को विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा. साथ ही जयपुर में बनीपार्क स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय में विद्युत श्रमिक संघ के बैनर तले सैकड़ों कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन कर रैली निकाली.

दरअसल बजट में सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम की घोषणा तो कर दी गई. लेकिन सरकारी क्षेत्र की पांचों बिजली कंपनियों के करीब 50 हजार कर्मचारी अधिकारी इस योजना से अब तक महरूम हैं. यहीं कारण है कि अब कर्मचारियों ने सड़क पर उतरकर आंदोलन शुरू कर दिया है. विद्युत श्रमिक संघ के बैनर तले पूर्व में एसई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया था और अब तीसरे चरण में मुख्य अभियंता कार्यालय को टारगेट किया गया है.

संयुक्त महामंत्री हरगोविंद शर्मा का बयान

खास बात यह है कि राजस्थान के सभी नौ मुख्य अभियंता कार्यालय में यह विरोध प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया. बिजली कंपनियों में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने के साथ ही इन कंपनियों में निजीकरण को रोकने और कर्मचारियों के पद नाम और वेतन विसंगतियां दूर करने समेत 27 सूत्री मांगें जल्द पूरी करने की मांग की गई.

पढ़ें:निजीकरण और राजनीतिक आधार पर तबादलों के विरोध में उतरे बिजली कर्मचारी, विद्युत भवन में कियाा प्रदर्शन

तीन डिस्कॉम और उत्पादन व प्रसारण निगम में है हजारों कर्मचारी: ओल्ड पेंशन योजना का लाभ प्रदेश में जयपुर जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम के कर्मचारियों के साथ ही राजस्थान उत्पादन निगम और प्रसारण निगम के कर्मचारियों को भी नहीं मिल रहा है. इन पांचों कंपनियों में करीब 45 से 50 हजार कर्मचारी हैं. बिजली कर्मचारियों से जुड़ी सभी ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम योजना का लाभ देने की मांग को लेकर सरकार ऊर्जा मंत्री और ऊर्जा विभाग के आला अधिकारियों तक गुहार लगाई और समय समय पर इस संबंध में पत्राचार और ज्ञापन भी दिए. बावजूद इसके अब तक सरकार और ऊर्जा विभाग के स्तर पर इस घोषणा का लाभ बिजली कंपनियों में तैनात कर्मचारियों को दिए जाने पर कोई सहमति नहीं बनी.

2004 में बंद हुई थी ओल्ड पेंशन स्कीम: ओल्ड पेंशन स्कीम साल 2004 में बंद कर दी गई थी. लेकिन इसके अनगिनत फायदे होने के कारण यह पेंशन स्कीम सरकारी कर्मचारियों में लोकप्रिय रही. हाल ही में प्रदेश के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की है और सरकारी विभागों ने इस पर अमलीजामा भी पहना दिया. इससे पहले 1 अप्रैल 2004 में तत्कालिक केंद्र के अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने डिफेंस सर्विसेज को छोड़कर अन्य सरकारी सेवाओं में नई पेंशन स्कीम लागू कर दी थी. मतलब साल 2004 के बाद सरकारी सेवा ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों को नई पेंशन लोग योजना का लाभ दिया जा रहा था. केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं किया था. लेकिन अधिकतर राज्यों ने नई पेंशन स्कीम ही लागू कर ली.

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नई पेंशन स्कीम और ओल्ड पेंशन स्कीम में है यह अंतर: प्रदेश के सरकारी विभागों में बजट घोषणा के बाद वापस ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दी गई है. यदि ओल्ड पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम में अंतर की बात की जाए तो पुरानी स्कीम कर्मचारियों के लिए काफी फायदेमंद रही है. ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के वेतन से कोई कटौती नहीं होती थी. वहीं नई पेंशन योजना में कर्मचारियों की सैलरी से 10 फ़ीसदी की कटौती की जाती है. साथ ही इसमें 14 प्रतिशत हिस्सा सरकार देती है. पुरानी पेंशन योजना में रिटायर्ड कर्मचारियों को सरकारी कोष से ही पेंशन का भुगतान किया जाता था. वहीं नई पेंशन स्कीम शेयर बाजार आधारित है और इसका भुगतान पूरी तरह बाजार पर ही निर्भर करता है. इसी तरह पुरानी पेंशन स्कीम में जीपीएस की सुविधा होती थी लेकिन नई स्कीम में यह सुविधा नहीं है. पुरानी पेंशन स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह था कि रिटायरमेंट के समय वेतन के करीब आधी राशि पेंशन के रूप में कर्मचारी को मिलती है और राज्य कर्मचारियों पर प्रतिवर्ष लागू होने वाले इंक्रीमेंट का फायदा भी इस पर मिलता है. कर्मचारियों के खाते से पेंशन पर कोई कटौती नहीं होती. जबकि नई पेंशन स्कीम में निश्चित पेंशन की कोई भी गारंटी नहीं थी.

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