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जयपुरः लाखों की लागत से बना इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन कबाड़ में तब्दील, सामने आ रही ये बड़ी वजह - इलेक्ट्रिक व्हीकल

प्रदेश में प्रदूषण को रोकने के लिए राज्य सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीदारी को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. इसके लिए सरकार की ओर से कुछ समय पहले उद्योग भवन में राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (रील) की ओर से दो इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाए गए थे, लेकिन देखरेख की अभाव में यह कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं.

इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन कबाड़ में तब्दील, Electric charging station turned into junk
इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन कबाड़ में तब्दील

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Published : Oct 11, 2020, 6:16 PM IST

जयपुर. प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीदारी को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास कर रही है. बीते कुछ समय में इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलन में भी आने लगी है, लेकिन चार्जिंग स्टेशन नहीं होने के चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है. जहां कुछ समय पहले चार्जिंग स्टेशन लगाए गए थे, वो अब कबाड़ में तब्दील होने लगे हैं.

इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन कबाड़ में तब्दील

कुछ समय पहले उद्योग भवन में राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (रील) की ओर से दो इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाए गए थे और उद्योग भवन ने अपनी बेशकीमती जगह रील को चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए उपलब्ध कराई थी. लेकिन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तो तैयार हो गया, लेकिन देखरेख के अभाव में यह चार्जिंग प्वाइंट कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं. हालात यह है कि लाखों रुपए की लागत से इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाए तो गए हैं, लेकिन आज तक यह शुरू ही नहीं हो पाए और ना ही इलेक्ट्रिक व्हीकल चलाने वाली लोगों को इसका फायदा मिल रहा है.

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पार्किंग में तैयार किया गया इंफ्रास्ट्रक्चर...

उद्योग भवन में रील को चार्जिंग स्टेशन के लिए जगह भवन के पार्किंग में अलॉट की गई. जहां आमतौर पर गाड़ियां पार्क होती है, लेकिन चार्जिंग स्टेशन के देखरेख के अभाव में यह कबाड़ में तब्दील हो रहा है और जो पैसा इस इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया गया था. उसका भी दुरुपयोग हो रहा है. वहीं उद्योग भवन की बेशकीमती जमीन भी ब्लॉक हो गई है और रील कंपनी चार्जिंग स्टेशन के नाम पर सिर्फ अपना विज्ञापन कर रही है. हालांकि, यह सब मामला उद्योग भवन के अधिकारियों कि नाक के नीचे चल रहा है, लेकिन अभी तक विभाग ने किसी तरह का कोई प्रश्न ज्ञान मामले को लेकर नहीं लिया है.

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