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4 जुलाई तय करेगा प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति का रास्ता! राज्यसभा की 4 सीटों पर होगा मुकाबला, तीसरे सीट को लेकर फंस सकता है पेंच

राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति की दिशा और दशा कैसी होगी ये 4 जुलाई 2022 को स्पष्ट (Rajasthan will set the course for Congress Politics) होगा. सियासी गलियारों में सुगुबुगाहट खूब हो रही है. यहां से 4 राज्यसभा सीट खाली होंगी जिनके लिए जोर आजमाइश चालू हो गई है. कईयों के नाम सामने आए हैं. इस बीच सचिन पायलट का वैभव गहलोत पर दिया बयान भी सुर्खियों में है. अंदरखाने सब ठीक नहीं है कहा जाने लगा है और यही असंतोष हो सकता है चौथी सीट को फंसा दे.

Rajasthan will set the course for Congress Politics
4 जुलाई तय करेगा प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति का रास्ता!

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Published : Mar 24, 2022, 10:10 AM IST

Updated : Mar 24, 2022, 10:33 AM IST

जयपुर. 4 जुलाई को राजस्थान में 4 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है. चारों राज्यसभा के सांसद वर्तमान में भाजपा के हैं और अगर विधानसभा में बहुमत के आंकड़ों को देखा जाए तो अब 4 में से 2 राज्यसभा सांसद कांग्रेस बिना किसी परेशानी के और 1 सीट भाजपा आसानी से अपने खाते में डाल लेगी लेकिन असली लड़ाई होगी उस चौथी सीट के लिए है जिसमें न तो कांग्रेस के पास पूरा बहुमत है न ही भाजपा के पास.

ये चौथी सीट किसके हाथ में जाती है ये बड़ा प्रश्न है. इसका उत्तर जब परिणाम के तौर पर सामने आएगा तो प्रदेश कांग्रेस की दशा और दिशा तय होगी. सवाल पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के हालिया बयान के बाद और भी मौजूं हो गया है. पायलट ने वैभव गहलोत को लेकर जो बयान दिया है उससे स्पष्ट है कि पार्टी में रस्साकशी जारी है और चौथी सीट का पेंच अंतर्कलह की भेंट चढ़ सकता है. पायलट ने कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को टिकट देने की पैरवी की थी. इसे लेकर राजस्थान कांग्रेस में फिर असंतोष की आहट सुनाई देने लगी है.

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तो गणित कुछ यूं है?: राजस्थान में अभी कांग्रेस के खुद के 108 विधायक, 13 निर्दलीय विधायक 1 आरएलडी के विधायक समेत 122 विधायक हैं. 2 बीटीपी,2 मार्क्सवादी पार्टी के विधायक भी कांग्रेस का ही समर्थन करते हैं. ऐसे में 126 विधायक कांग्रेस के पास हैं तो भाजपा के पास 71 विधायक हैं. भाजपा के सामने RLP यक्ष प्रश्न बन कर उभरा है. कभी भाजपा का सहयोगी दल रही हनुमान बेनीवाल की आरएलपी के 3 विधायक किसके साथ है यह तय नही है. ऐसे में तीसरी सीट पर दावा भी कांग्रेस का ही मजबूत है लेकिन इसके लिए पार्टी की एकजुटता जरूरी है.

2020 में भी राज्यसभा चुनावों के साथ दिखी पायलट गहलोत की रार:साल 2020 में जब राजस्थान में राज्यसभा सदस्यों का चुनाव चल रहा था. उसी समय राजस्थान में पायलट और गहलोत के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही रार का गहरा बीज पड़ गया, जो चुनाव के महज एक महीने बाद ही कांग्रेस के 19 विधायकों की बगावत तक पहुंच गया. हालांकि राज्यसभा चुनाव में तो कांग्रेस के किसी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं की लेकिन राज्यसभा चुनाव के ठीक बाद सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के खिलाफ नाराजगी दिखाते हुए बगावत कर दी. जिसके चलते जुलाई 2020 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने सहयोगी विधायकों को जयपुर और जैसलमेर के होटल में 34 दिन लंबी बाड़ाबंदी में रखा.तो सचिन पायलट ने अपने समर्थक विधायकों को मानेसर में. अब राज्यसभा चुनाव प्रदेश में राजस्थान कांग्रेस के लिए काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि इन्हीं चुनावों से ये तय हो जाएगा की राजस्थान में कांग्रेस का मुखिया कौन रहेगा?

अभी चारों पर भाजपा का कब्जा: राजस्थान में राज्यसभा के 10 सदस्य हैं जिनमें से कांग्रेस के 3 और भाजपा के 7 राज्यसभा सांसद हैं.अब 4 जुलाई 2022 को 4 राज्यसभा सांसदों की सीट राजस्थान में खाली होने जा रही है. ये चारों ही भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं जिनमें ओम प्रकाश माथुर, केजे अलफोंस, राजकुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर शामिल हैं. चूंकि सत्ता में कांग्रेस है पार्टी बहुमत में है तो कागजों में पलड़ा कांग्रेस का ही भारी दिख रहा है.

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G-23 के गुलाम नबी चर्चा में: जुलाई में खाली होने जा रही 4 राज्यसभा सीटों में से 3 सीट पर कांग्रेस को उम्मीद है कि उसके राज्यसभा सांसद बनेंगे. इन 3 में से 3 राज्यसभा के सांसद दिल्ली के नेताओं को बनाया जा सकता है. माना जा रहा है कि 3 में से दो नेता दिल्ली कोटे से राजस्थान के रास्ते राज्यसभा में पहुंचेंगे. हालांकि अभी चुनाव में 3 महीने से ज्यादा का समय बाकी है तो पार्टी की तरफ से राज्यसभा सीटों के लिए प्रत्याशी कौन होगा ये भी अभी शुरुआती चरण में ही है. चूंकि प्रियंका गांधी अब राजनीति में पूरी तरीके से उतर चुकी हैं ऐसे में कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी को भी राज्यसभा में भेजना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही चाहते हैं कि प्रियंका राजस्थान से ही राज्यसभा की सांसद बनें.

चर्चा बागी ग्रुप 23 का नेतृत्व कर रहे गुलाम नबी आजाद की भी है. संभावना है कि उन्हें भी राजस्थान से राज्यसभा भेजा जा सकता है. इसके साथ ही राजस्थान के प्रभारी महासचिव अजय माकन और कांग्रेस महासचिव भंवर जितेंद्र और रणदीप सुरजेवाला का नाम भी राज्यसभा के लिए चल रहा है. इन बड़े नामों के साथ ही पूर्व मंत्री दुरु मियां, कांग्रेस नेता दिनेश खोड़निया और पूर्व सांसद बद्री जाखड़ भी राज्यसभा जाने के लिए प्रयासरत हैं.

एक चर्चा(अफवाह) ये भी!:राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान में एक चर्चा और चल रही है कि ये राज्यसभा चुनाव राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के लिए चल रही गहलोत और पायलट के बीच की रस्साकशी को भी बढ़ाएगा. चर्चा है कि सचिन पायलट चाहते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यसभा में चले जाएं और दिल्ली की राजनीति संभाले जो वर्तमान हालात में नामुमकिन है. वहीं कहा ये भी जाता है कि अशोक गहलोत भी चाहते हैं कि सचिन पायलट राज्यसभा के रास्ते दिल्ली चले जाएं और राष्ट्रीय राजनीति का हिस्सा बने ताकि राजस्थान में किसी तरीके की उठापटक आगे न हो, लेकिन जिस तरह से सचिन पायलट ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का ही कोई पद लेने से इनकार कर दिया ऐसे में वह राजस्थान छोड़कर राज्यसभा से जाएं इसकी संभावना भी न के बराबर है.

Last Updated : Mar 24, 2022, 10:33 AM IST

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