जयपुर.प्रदेश में निर्वाचन विभाग की ओर से नई पहल की शुरुआत की गई है. जिसमें अब निर्वाचन विभाग के कमर्चारियों को एग्जाम प्रक्रिया से गुजरना होगा. चुनाव के समय कर्मचारियों को जानकारी का अभाव होने से आने वाली दिक्कतों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. साथ ही निर्वाचन विभाग अब प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव कराने वाले कर्मचारियों का एग्जाम लेगा. जिसमें कर्मचारियों से मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने, नाम सुधरवाने, पता ठीक करवाने या नया इपिक कार्ड बनवाने के लिए क्या करना पड़ेगा, उसके लिए कौन सा फॉर्म भरना पड़ेगा ऐसे ही सवाल पूछे जाएंगे.
दरअसल, पिछले दिनों चुनाव के दौरान कर्मचारियों की ओर से मतदाताओं के नाम जुड़वाने के लिए स्कूल, कॉलेज में जागरूकता अभियान चलाए गए थे. इस दौरान स्टूडेंट्स की ओर से पूछे जाने वाले सवालों के जवाब कर्मचारियों के पास नहीं होता था. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि निर्वाचन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों से आम लोग भी सवाल पूछते नजर आते हैं. निर्वाचन विभाग या बाहर भी लोग इनसे नाम जुड़वाने, हटवाने या सुधरवाने की प्रक्रिया के बारे में पूछते है, लेकिन विभाग में कार्यरत होने के बावजूद प्रक्रिया की जानकारी नहीं होने से वो जवाब देने की बजाय बचते नजर आते हैं.
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कर्मचारी अपने आप को इससे बचाने के लिए कई बार सचिवालय का ही कर्मचारी बताते हैं. निर्वाचन विभाग का मानना है कि कर्मचारियों को यह सामान्य जानकारी रहनी चाहिए. हाल ही में सामान्य जानकारी के लिए कर्मचारियों की एक ट्रेनिंग भी रखी गई थी. जिसमें ऑनलाइन आवेदन करने सहित अन्य जानकारियां दी गई थी. इसके साथ ही विभाग के सभी कर्मचारियों को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है.