जयपुर.प्रदेश की गहलोत सरकार बीमार और वृद्ध कैदियों के लिए संवेदनशील निर्णय लेते हुए उन्हें समय से पूर्व रिहा करने जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने प्रदेश की जेलों में लम्बे समय से सजा भुगत रहे ऐसे बंदियों जिन्होंने सदाचारपूर्वक अपनी अधिकांश सजा भुगत ली है या गंभीर बीमारियों से ग्रसित और वृद्ध हैं, उन्हें समय से पहले रिहा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री की इस पहल से ऐसे परिवारों को खुशियां मिलेंगी, जिनके परिजन आजीवन कारावास की सजा का अधिकांश हिस्सा भुगत चुके हैं.
प्रस्ताव के अनुसार, आजीवन कारावास से भिन्न अवधि के कारावास की सजा से दण्डित वृद्ध और गंभीर बीमारियों से ग्रसित ऐसे कैदियों को समय पूर्व रिहा किया जा सकेगा, जो कैंसर, एड्स, कुष्ठ व अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित हैं. इनमें वे कैदी भी शामिल होंगे. जो दृष्टिहीन या विकलांग हैं और अपने दैनिक क्रियाकलापों के लिए दूसरों पर निर्भर हैं. साथ ही, ऐसे वृद्ध पुरूष, जिनकी आयु 70 वर्ष तथा महिलाएं, जिनकी आयु 65 वर्ष या इससे अधिक है और सजा का एक तिहाई भाग भुगत चुके हैं, उन्हें समय पूर्व (Aged prisoners in Rajasthan Jails) रिहाई मिल सकेगी.
सजा का अधिकांश हिस्सा भुगत चुके बंदियों को भी राहत...
प्रस्ताव के अनुसार आजीवन कारावास से दण्डित ऐसे बंदी जिन्होंने 14 वर्ष की सजा भुगत ली है और ढाई वर्ष का परिहार प्राप्त कर लिया है. साथ ही, विगत दो वर्षों में जेल में उनका आचरण संतोषप्रद रहा है और किसी जेल दण्ड से दण्डित नहीं किया गया है. ऐसे बंदियों को भी रिहा किया जा सकेगा. इसके अलावा आजीवन कारावास से भिन्न अवधि की सजा भुगत रहे ऐसे बंदी जिनकी सजा का दो तिहाई भाग पूरा हो गया है और विगत दो वर्ष से आचरण संतोषप्रद रहा है, उन्हें भी समय पूर्व रिहा किया जा सकेगा. साथ ही, ऐसे बंदी जिन्हें न्यायालयों से तीन माह या इससे कम अवधि की सजा से दण्डित किया गया है, उन्हें भी रिहा किया जा सकेगा.