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राजस्थान पर्यटन की प्रभावी ब्रांडिंग की जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां आएं : CM गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि विश्व पर्यटन मानचित्र पर राजस्थान की एक अलग पहचान बनी हुई है. पर्यटन से प्रदेश के लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है. ऐसे में राजस्थान पर्यटन (Rajasthan Tourism) की प्रभावी ब्रांडिंग की जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां आएं. उन्होंने महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों और मेलों-उत्सवों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी मार्केटिंग करने पर भी जोर दिया.

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राजस्थान पर्यटन की प्रभावी ब्रांडिंग की जाए

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Published : Jun 15, 2021, 10:01 AM IST

जयपुर. सीएम अशोक सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य के बजट 2021-22 में पर्यटन विकास कोष में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसमें आधारभूत संरचना के विकास एवं पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए 300 करोड़ तथा टूरिस्ट डेस्टिनेशन ब्रांडिंग के लिए 200 करोड़ रुपये शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि इस राशि का सदुपयोग कर प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने और व्यापक प्रचार-प्रसार की कार्य-योजना तैयार की जाए. उन्होंने इसमें पर्यटन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का सहयोग लेने का सुझाव दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा घोषित पर्यटन नीति- 2020 में एडवेंचर टूरिज्म, मेडि-टूरिज्म, नाइट टूरिज्म, वीकेंड टूरिज्म एवं ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने पर फोकस किया गया है. इससे प्रदेश में पर्यटन को गति मिलेगी. प्रदेश में करीब 20 साल बाद आई पर्यटन नीति से कोविड-19 के कारण संकट का सामना कर रहे पर्यटन क्षेत्र को पुनः पटरी पर लाने में भी मदद मिलेगी.

देशी पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए...

गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण विदेशी पर्यटक नहीं आ रहे हैं. ऐसे में, देशी पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए. उन्होंने राजस्थान टूरिज्म डवलपमेंट काॅर्पोरेशन (RTDC) को फिर से मजबूत करने पर भी जोर दिया. उन्होंने पर्यटक थानों को सशक्त बनाने के भी निर्देश दिए. गहलोत ने कहा कि मेले और उत्सव हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं. ज्यादा से ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटक इनसे जुड़ सकें, इसके लिए इन्हें नया रूप दिया जाए. पुष्कर मेला, डेजर्ट फेस्टिवल, कैमल फेस्टिवल, कुंभलगढ़ उत्सव, बूंदी उत्सव सहित अन्य मेलों और उत्सवों की नए सिरे से ब्रांडिंग की जाए.

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इनमें नई सोच के साथ ऐसी गतिविधियों को शामिल करें, जिनसे पर्यटक आकर्षित हों. उन्होंने कहा कि राजस्थान में बड़ी संख्या में प्राचीन एवं पुरामहत्व के धार्मिक स्थल हैं. धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के विकास की रूपरेखा तैयार करें. पर्यटन राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने कहा कि प्रदेश में आयोजित होने वाले मेलों और उत्सवों में प्रवासी राजस्थानियों को आमंत्रित किया जाए. इससे इस क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं बनेंगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीण खेलों एवं ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए. बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या दोगुनी करने तथा नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ऐसी डाॅक्यूमेंट्री बने, जिसमें रात के समय हैरिटेज की खूबसूरती उभर कर आए.

पर्यटन को रिप्स-2019 में थ्रस्ट सेक्टर के रूप में शामिल किया गया...

पर्यटन विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि पर्यटन को रिप्स-2019 में थ्रस्ट सेक्टर के रूप में शामिल किया गया है. इससे इस सेक्टर को भी उसके अनुरूप सुविधाएं मिल सकेंगी. उन्होंने बताया कि पर्यटन नीति-2020 (Tourism Policy 2020) में शामिल गेस्ट हाउस स्कीम अप्रैल 2021 से लागू कर दी गई है. नए टूरिस्ट गाइड के चयन और प्रशिक्षण को सुगम बनाने के लिए नियमों में संशोधन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा वेबसाइट एवं सोशल मीडिया पर 'एक्सपीरिएंस राजस्थान फ्राॅम होम' कैंपेन चलाया जा रहा है. साथ ही, राजस्थान टूरिज्म के प्रचार-प्रसार के लिए थीम आधारित क्रिएटिव तैयार किए जा रहे हैं. बैठक में प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, आरटीडीसी के प्रबंध निदेशक निकया गोहायन, निदेशक पर्यटन निशांत जैन एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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