जयपुर. 28 और 29 मार्च को देशभर में केंद्रीय श्रमिक संगठनों और स्वतंत्र ट्रेड यूनियनों की ओर से हड़ताल की घोषणा की गई है. इस हड़ताल को अलग-अलग संगठनों ने समर्थन (Strike of Labor Unions in Rajasthan) भी दिया है. इसी के तहत प्रदेशभर के विभिन्न बैंक संगठनों ने केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं स्वतंत्र ट्रेड यूनियनों की ओर से प्रस्तावित इस हड़ताल को समर्थन दिया है और 28 और 29 मार्च को बैंकों में हड़ताल की घोषणा की है. ऐसे में बैंक कर्मचारियों की ओर से की गई इस हड़ताल के बाद प्रदेश में करोड़ों रुपए का लेनदेन आगामी 2 दिनों में प्रभावित होगा.
राजस्थान प्रदेश बैंक एंप्लाइज यूनियन के महासचिव महेश मिश्रा ने बताया कि केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं स्वतंत्र ट्रेड यूनियनों की ओर से 28 और 29 मार्च को हड़ताल प्रस्तावित की गई है. ऐसे में इस देशव्यापी हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन, बैंक एप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के अधिकारी व कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हैं. मिश्रा ने कहा की बैंक कर्मचारी भी बैंकों के निजीकरण, बैंकों में लिपिक, अधिनस्थ व सुरक्षा प्रहरियों की भर्ती, पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने, बैंकों की डूबत ऋण राशि वसूल किए जाने, बचत खाते पर ब्याज दर बढ़ाए जाने और सर्विस चार्जेस के नाम से भारी वसूली को रोकने आदि मांगों को लेकर हड़ताल में शामिल हैं. बैंक कर्मचारी, केंद्रीय श्रमिक संगठनों के साथ जुड़े किसान मजदूर व श्रमिकों की मांगों का समर्थन करते हैं और मांग करते हैं की उनकी भी मांगों को पूरा किया जाए.
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राष्ट्रीय मंच-दलित शोषण मुक्ति मंच (डीएसएमएम) ने भी राष्ट्रीय हड़ताल का पुरजोर समर्थन किया है. डीएसएमएम राजस्थान ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से आह्वान किया है कि वे श्रमिक किसान वर्ग की इस ऐतिहासिक राष्ट्रीय हड़ताल को सफल बनाने में सक्रिय भागीदारी निभाए क्योंकि दलित आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा मेहनतकश मजदूर और गरीब है. वे फैक्ट्रियों में काम करते हैं. निजीकरण होने से और सामाजिक कल्याण की नीतियों को कमजोर करने का सबसे बुरा असर दलित तबकों पर ही पड़ता है. यह हड़ताल सिर्फ मजदूर विरोधी, किसान विरोधी, आमजन विरोधी नीतियों के ही विरोध में नहीं है बल्कि यह हड़ताल निजीकरण की संविधान विरोधी और दलित विरोधी नीतियों के खिलाफ भी एक जन आक्रोश है.
झुंझुनू में हड़ताल: वहीं, दो दिवसीय हड़ताल का असर झुंझुनू के एचसीएल की केसीसी ईकाई में भी पड़ रहा है. केसीसी की मान्यता प्राप्त यूनियन खेतड़ी तांबा श्रमिक संघ के महासचिव बिड़दू राम सैनी ने बताया कि केसीसी में लगभग 2700 स्थाई और अस्थाई कर्मचारी हैं. हड़ताल को समर्थन देने के लिए कर्मचारी केसीसी के मेन गेट के आगे जमा हैं. कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की. कर्मचारियों ने कहा कि संगठन की ओर से हड़ताल के आह्वान पर एकजुट हुए हैं.
जोधपुर में हड़ताल: केंद्र सरकार की नई पेंशन नीति, नवउदारवादी नीति और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्त उपक्रमों के निजीकरण व बेचने के की नीति के विरोध में जोधपुर सहित पश्चिमी राजस्थान के सभी बैंककर्मी और जीवन बीमा निगम के कर्मचारी दो दिन की हड़ताल पर हैं. सोमवार को हड़ताल के पहले दिन बैंक कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के विरुद्ध जगह-जगह प्रदर्शन किया. बैंक कर्मचारियों का कहना है कि हम एलआईसी का आईपीओ जो सरकार लाने जा रही है उसका भी विरोध करते हैं. बैंक कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के साथ-साथ विभिन्न मजदूर संगठनों ने भी भारत बंद का आह्वान कर रखा है.
उदयपुर में भी हड़ताल:उदयपुर में केंद्र सरकार की बैंक विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल पर उतरे बैंक कर्मचारियों ने सोमवार से 2 दिन तक सभी सरकारी बैंक को बंद रखने का निर्णय लिया. इसी कड़ी में इसके विरोध स्वरूप सभी हड़ताल बैंक कर्मचारी एकत्रित हुए और विरोध प्रदर्शन कर अपनी बात केंद्र सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की. इस दौरान बैंक कर्मचारियों ने केंद्र सरकार और वित्त मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया. इस हड़ताल की वजह से अब 2 दिन तक बैंक का काम काज प्रभावित रहेगा. बैंक कर्मचारियों के इस हड़ताल में दस से ज्यादा श्रमिक संगठनों का सहयोग मिल रहा है.