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सियासी बगावत का असर : 13 महीने बाद भी कांग्रेस के हरावल दस्तों सेवादल और NSUI की नहीं बन सकी कार्यकारिणी - nsui executive body

राजस्थान में राजनीतिक उठापटक का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों के नेता 'अपनों' पर भी राजनीतिक बाण छोड़ने से बाज नहीं आ रहे. बात कांग्रेस की करें तो यहां सियासी बगावत का असर ऐसा है कि 13 महीने बाद भी कांग्रेस के हरावल दस्तों सेवादल और एनएसयूआई की कार्यकारिणी नहीं बन सकी है. प्रदेश कांग्रेस संगठन भी इससे प्रभावित हुआ है.

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सियासी बगावत का असर

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Published : Aug 27, 2021, 5:59 PM IST

जयपुर. राजस्थान में लगातार इस बात की चर्चा हो रही है कि बीते साल जब राजस्थान में राजनीतिक उठापटक हुई (Rajasthan Political Crisis) तब से राजस्थान में कांग्रेस संगठन पूरा सक्रिय नहीं हो सका है. राजस्थान कांग्रेस संगठन (Rajasthan Congress) तो इससे प्रभावित हुआ ही है, इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के दोनों अग्रिम संगठन सेवादल और एनएसयूआई भी इससे बच नहीं सके हैं.

दरअसल, जुलाई 2020 में जब पायलट कैंप (Sachin Pilot Camp) नाराज होकर मानेसर चला गया तो बगावत के आरोपों में प्रदेश अध्यक्ष पद से सचिन पायलट को ही नहीं हटाया गया, बल्कि उनके साथ गए सेवा दल के अध्यक्ष राकेश पारीक और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष मुकेश भाकर को भी पद से हटा दिया गया. वहीं, सचिन पायलट का समर्थन करते हुए एनएसयूआई के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

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ऐसे में जहां सचिन पायलट की जगह गोविंद डोटासरा (Govind Singh Dotasra) को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, तो सेवा दल की कमान राकेश पारीक से लेकर हेम सिंह शेखावत को दे दी गई. इसी तरीके से एनएसयूआई का अध्यक्ष पद अभिषेक चौधरी को दिया गया और यूथ कांग्रेस की कमान मुकेश भाकर से लेकर विधायक गणेश घोघरा को सौंप दी गई.

सेवादल और NSUI की नहीं बन सकी कार्यकारिणी...

भले ही गोविंद डोटासरा 6 महीने में ही सही, लेकिन अपनी 39 पदाधिकारियों की कार्यकारिणी घोषित करने में कामयाब रहे, लेकिन आज 13 महीने बीत जाने के बाद भी राजस्थान सेवा दल और एनएसयूआई अपनी कार्यकारिणी नहीं बना सके हैं. हालात यह है कि सेवादल की कार्यकारिणी तो बनकर तैयार भी हो चुकी है, लेकिन आलाकमान के निर्देशों के चलते अब तक उस कार्यकारिणी की घोषणा नहीं की जा सकी है.

13 महीने से हो रहा इंतजार लेकिन कार्यकर्ताओं को नही मिल रहा मौका, निवर्तमान कार्यकारिणी से चल रहा है काम...

राजस्थान में 13 महीने पहले दोनों अग्रिम संगठनों सेवा दल और एनएसयूआई के अध्यक्ष घोषित किए गए, लेकिन 13 महीने गुजर जाने के बाद भी सेवा दल के अध्यक्ष हेम सिंह शेखावत और एनएसयूआई के अध्यक्ष अभिषेक चौधरी को निवर्तमान कार्यकारिणी से काम चलाना पड़ रहा है. कार्यकारिणी पुराने अध्यक्षों के समय की है तो ऐसे में पूर्व अध्यक्षों की गठित की गई कार्यकारिणी का सहयोग भी एनएसयूआई और सेवादल के वर्तमान अध्यक्ष को नहीं मिल रहा है, क्योंकि ऐसे में पूर्व अध्यक्षों की कार्यकारिणी के पदाधिकारी भी पार्टी के धरने प्रदर्शन और आयोजनों से दूर रहते हैं.

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यूथ कांग्रेस और महिला कांग्रेस ने तो किया अपनी कार्यकारिणी का विस्तार...

राजस्थान में आए सियासी भूचाल में कांग्रेस पार्टी ने दो अग्रिम संगठन यूथ कांग्रेस और सेवा दल के अध्यक्ष बर्खास्त किए, तो एनएसयूआई के अध्यक्ष ने खुद ही अपना इस्तीफा दे दिया. हालांकि, महिला कांग्रेस अध्यक्ष को इस विवाद से दूर रखा गया, लेकिन महिला कांग्रेस की भी कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया. क्योंकि यूथ कांग्रेस के पदाधिकारी चुनाव जीत कर आए थे. ऐसे में यूथ कांग्रेस की कार्यकारिणी को यथावत रखा गया, लेकिन आपको बता दें कि यूथ कांग्रेस अध्यक्ष गणेश घोघरा ने अपने हिसाब से कार्यकारिणी में नए पदाधिकारी शामिल कर लिए हैं तो वहीं महिला कांग्रेस अध्यक्ष रेहाना रियाज ने भी महिला कांग्रेस कि कार्यकारिणी की घोषणा कर दी.

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