अजमेर. गर्मी शुरू होने से लगभग एक महीने पहले से ही कुम्हार मटकों का व्यवसाय शुरू कर देते हैं. होली के बाद से ही लाल मटके और मिट्टी के कुल्लड़ की बिक्री तेजी से शुरू हो जाती है जो जुलाई तक जारी रहती है. लेकिन इस बार देश भर में कोरोना वायरस के चलते 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद से पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है. इसके कारण मांगलिक कार्यों के साथ ही सभी कार्य ठप हो गया है. इससे मिट्टी से निर्मित व्यवसाय पर काफी असर पड़ा है.
कुम्हार का मुख्य व्यवसाय मिट्टी के बर्तन बनाकर उसकी बिक्री करने का है. गर्मी के दिनों में ठंडा पानी के लिए लाल मटके की मांग अधिक रहती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते पूरा व्यवसाय ठप हो चुका है. बाजार तो खोल दिए गए लेकिन माल की बिक्री अब भी नहीं हो पा रही है. मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों ने बताया कि जितना माल बना रहे हैं उससे अधिकतर माल उनके घरों में रखा है.