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बच्चों के स्कूल बैग का बोझ होगा कम...शिक्षा मंत्री डोटासरा ने इंटीग्रेटेड पुस्तक का किया विमोचन

अब बच्चों के स्कूल बैग का बोझ कम होगा. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इंटीग्रेटेड पुस्तक का विमोचन कर दिया है. मंत्री डोटासरा ने कहा कि यह नया प्रयोग है. आज के समय में इस तरह की पुस्तक की जरूरत है. राजस्थान सरकार ने बस्ते के बोझ को कम करने की पहल की थी, जिसको माहेश्वरी एजुकेशन सोसाइटी ने आगे बढ़ाते हुए इंटीग्रेटेड बुक तैयार की है.

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शिक्षा मंत्री डोटासरा ने इंटीग्रेटेड पुस्तक का किया विमोचन

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Published : Jun 10, 2020, 10:01 AM IST

जयपुर.शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इंटीग्रेटेड पुस्तक का विमोचन किया. मंत्री डोटासरा ने कहा कि यह नया प्रयोग है. आज के समय में इस तरह की पुस्तक की जरूरत है. राजस्थान सरकार ने बस्ते के बोझ को कम करने की पहल की थी, जिसको माहेश्वरी एजुकेशन सोसाइटी ने आगे बढ़ाते हुए इंटीग्रेटेड बुक तैयार की है.

शिक्षा मंत्री डोटासरा ने इंटीग्रेटेड पुस्तक का किया विमोचन

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि माहेश्वरी एजुकेशन सोसाइटी ने स्कूलों में बच्चों के बैग का बोझ कम करने के लिए इंटीग्रेटेड पुस्तक तैयार की है. बच्चों के स्कूल बैग का वजन कम करने के लिए राज्य सरकार ने पहल की थी, इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए इंटीग्रेटेड पुस्तक का विमोचन किया गया है.

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डोटासरा ने बताया कि एक पुस्तक में ही सारे सब्जेक्ट कवर हो जाएंगे. जिससे बच्चों के बैग का वजन भी कम हो जाएगा. प्रथम क्लास के बच्चे एक महीने में केवल एक बुक को ही लेकर स्कूल जाएंगे और अगले महीने में दूसरी पुस्तक लेकर जाएंगे. इससे बच्चों को सारा बोझ ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी. लॉक डाउन के चलते ऑनलाइन शिक्षा शुरू करना सरकार की मजबूरी है. बच्चा स्कूल में आकर पढ़ेगा, तभी अच्छी शिक्षा ले पाएगा.

शिक्षा मंत्री डोटासरा ने इंटीग्रेटेड पुस्तक का किया विमोचन

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मंत्री ने बताया कि कोरोनावायरस के चलते मजबूरी में स्कूलों को बंद करना पड़ा, जिससे बच्चों को घर रहना पड़ा. ऐसे में सरकार के पास जो संसाधन थे उनसे ही बच्चों को शिक्षण सामग्री परोसने का काम किया गया. उन्होंने बताया कि अमेरिका, लंदन जैसे विकसित देशों में काफी पहले से ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम चल रहा है. हमारे देश के भी कई बच्चे विदेशों में जाकर पढ़ाई करते हैं. ऑनलाइन बहुत अच्छा नहीं है, लेकिन मजबूरी में बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षण सामग्री ही एक विकल्प है. इस विकल्प को सरकार ने लोगों तक पहुंचाया है. गरीब और गांव में रहने वाले बच्चे सुविधाओं के अभाव में ऑनलाइन शिक्षा का फायदा नहीं ले पाए. ऐसे बच्चों तक भी शिक्षा पहुंचाने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है.

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माहेश्वरी समाज एजुकेशन कमिटी के अध्यक्ष प्रदीप बाहेती ने बताया कि बच्चों के बस्तों का बोझ बहुत समस्या बनता जा रहा है. उसको देखते हुए सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तक को तैयार किया गया है. इस पुस्तक में सभी विषयों को शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि कोशिश इंसान को कामयाबी तक पहुंचा देती है, इसी को ध्यान में रखते हुए बच्चों का कंधों पर जो बोझ रहता है, उसको कम करने के लिए इंटीग्रेटेड पुस्तक का तैयार की गई है. यह पुस्तक प्रथम कक्षा के बच्चों के लिए सरकार की इच्छा अनुसार तैयार की गई है.

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बाहेती ने बताया कि इस पुस्तक के लांच होने से बच्चों के कंधों का बोझ खत्म जाएगा. बच्चों को एक महीने में एक पुस्तक ही ले जानी होगी. इसी तरह हर महीने एक पुस्तक लानी पड़ेगी. जिससे बच्चों को बस्ते के बोझ से राहत मिलेगी. राजस्थान में इस तरह की यह पहली पुस्तक है, जिसको अध्यापकों की टीम ने गहन अनुभव से तैयार किया है.

प्रथम कक्षा के बच्चों की आयु और मानसिकता के अनुसार पुस्तक में आकर्षक चित्रों और सरल उदाहरणों को दिया गया है. इससे बच्चे खेल खेल में शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे. इससे उनकी सुनने, पढ़ने, लिखने और बोलने की क्षमता का भी विकास होगा. पुस्तक में सभी शैक्षिक विषयों को शामिल किया गया है.

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