जयपुर.शिक्षा एवं कला संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला ने विधानसभा की अनुदान मांगों (शिक्षा, कला एवं संस्कृति) पर हुई बहस का जवाब दिया. चर्चा के बाद सदन ने शिक्षा, कला एवं संस्कृति की 405 अरब, 84 करोड़ 73 लाख 34 हजार रुपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी. कल्ला ने इस दौरान अपनी बात राजस्थानी में रखते हुए राजस्थानी भाषा को 8वीं अनुसूचि शामिल करवाने की वकालत (BD Kalla supports demand of constitutional recognition to Rajasthani Language) की. इसके लिए उन्होंने बीजेपी से मिलकर केंद्र सरकार के पास मांग उठाने की बात कही.
इससे पहले कल्ला ने नेता प्रतिपक्ष के स्थानांतरण पॉलिसी लागू करने के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा विभाग में स्थानांतरण पॉलिसी का प्रारूप तैयार कर लिया है, जल्द ही लागू किया जायेगा. कल्ला ने बताया कि प्रदेश में अभी 650 से अधिक अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में एक लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं. अभिभावकों में प्रवेश को लेकर उत्साह है. इसे देखते हुए ही बजट 2022-23 में शहरी क्षेत्र एवं गांवों में एक-एक हजार महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय तथा 1000 पूर्व प्राथमिक विद्यालय (बाल वाटिकाएं) खोलने की घोषणा की गई है.
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उन्होंने बताया कि 50 वर्षों बाद राजस्थान शिक्षा (अधीनस्थ एवं राज्य) सेवा नियमों का पुनर्लेखन किया गया है. विगत तीन वर्षों में अब तक 80 प्राथमिक विद्यालय खोल चुके हैं. कल्ला ने बताया कि जनसमुदाय एवं भामाशाहों के सहयोग भी रहा. इसी से ज्ञान संकल्प पोर्टल के माध्यम से 183 करोड़ रुपए से अधिक राशि प्राप्त हो चुकी है. वहीं, अब तक 1140 आईसीटी लैब की स्थापना कर दी है और 462 लैब की स्थापना प्रक्रियाधीन है. कल्ला ने बताया कि बजट घोषणा अनुसार, राज्य की सभी 3820 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया जायेगा. विद्यालय विहीन ग्राम पंचायतों में प्राथमिकता से प्राथमिक विद्यालय खोले जाएंगे.
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रेगिस्तानी जिलों में प्राथमिक शिक्षा के व्यापक विस्तार को ध्यान में रखते हुये नियमों एवं मानकों में शिथिलन प्रदान करते हुए प्रथम चरण में 200 प्राथमिक विद्यालय खोले जायेंगे. ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर स्थित प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक में, उच्च प्राथमिक को सीधे ही यथा आवश्यकता एवं मानकों के अनुसार उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया जायेगा. बालिकाओं को शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने एवं ड्रॉप आउट कम करने की दृष्टि से राज्य में संचालित समस्त 389 बालिका माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में, बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय स्तर के 1846 व प्राथमिक स्तर के 115 बालिका विद्यालयों को वरियता से चरणबद्ध रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा.
ये हुई नई घोषणाएं:कल्ला ने विधानसभा में विभाग को लेकर कई घोषणाएं करते हुए कहा कि राजकीय विद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं के लिए 3800 से अधिक कक्षों, लेबोरेटरीज, पुस्तकालय, कम्प्यूटर कक्ष, नवीन भवन एवं वृहद मरम्मत आदि के कार्य 200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वहीं, राजा रामदेव पोद्धार ‘रेजिडेंशियल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस‘ पर 100 करोड़ रुपए खर्च किए जायेंगे. कोरोना के कारण लर्निंग गेप्स की भरपाई के लिए तीन माह की अवधि के ब्रिज कोर्स चलाये जायेंगे. इनके लिए 75 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
राज्य में 5000 से अधिक की आबादी वाले गांवों में 1200 महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं. शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जोधपुर में शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय का विस्तार एवं उन्नयन कराया जायेगा. राजस्थान स्टेट स्पोटर्स इंस्टीट्यूट की स्थापना की जायेगी, जिस पर 10 करोड़ रुपए खर्च होंगे. प्रदेश में भारत स्काउट एवं गाईड गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए 18वीं राष्ट्रीय भारत स्काउट गाईड जम्बूरी का आयोजन रोहट, पाली में किया जायेगा. कल्ला ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि आगे से किसी अध्यापक को डाक के काम में नहीं लगाया जाएगा.
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उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा महिला शिक्षा को लेकर सरकार गम्भीर:उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री बालिकाओं को उच्च शिक्षा आसानी से सुलभ कराने के लिए विशेष प्रयासरत हैं. उन्होंने बताया कि नवीन खुल रहे 179 महाविद्यालयों में से 76 कन्या महाविद्यालय हैं, जबकि गत सरकार ने केवल 7 कन्या महाविद्यालय खोले थे. उन्होंने बताया कि 500 से अधिक छात्राओं वाले विद्यालयों के स्थान पर महाविद्यालय खोलने का काम प्राथमिकता से किया जा रहा है. महाविद्यालयों में बालिकाओं का नामांकन 2 लाख 5 हजार से बढ़कर 2 लाख 65 हजार हो गया है.
राज्य सरकार महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद भरने के लिए प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में 4190 नियमित एवं 1176 विद्या संबल योजना के तहत शिक्षक कार्यरत हैं. इसके साथ ही 918 पदों के लिए प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जा चुकी है, जिन्हें शीघ्र पूर्ण कर पद भरे जाएंगे. साथ ही एक हजार सहायक आचार्य के नए पदों के लिए वित्त विभाग ने सहमति प्रदान की है.