जयपुर. राजस्थान में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 1 सितंबर से खुल गए हैं. लेकिन बच्चों को लेकर उनके अभिभावक चिंतित हैं. कोरोना की तीसरी लहर और पश्चिमी यूपी में बच्चों में फैले रहस्यमय बुखार के बाद ये सवाल अहम हो गया है कि क्या बच्चे स्कूलों में सेफ हैं.
कोरोना संकट के कारण करीब साढ़े तीन महीने बाद 1 सितंबर को स्कूल खुले. स्कूल खुलने के बाद बड़ी जिम्मेदारी बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने की है. शिक्षा विभाग के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी मैदान में डटे हुए हैं. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा भी स्कूलों का निरीक्षण कर जांच रहे हैं कि गाइड लाइन की पालना हो रही है या नहीं. फिलहाल कोरोना संबंधी गाइड लाइन के उल्लंघन का एक भी मामला सामने नहीं आया है.
स्कूल में कोरोना गाइड लाइन का पालन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) के अलावा बाल अधिकार संरक्षण आयोग (State Commission for Protection of Child Rights) की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल भी स्कूलों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा ले रही हैं. ताया जा रहा है कि स्कूल खुलने के बाद बीते तीन दिनों में कोरोना गाइड लाइन की अवहेलना का एक भी मामला सामने नहीं आया है. जिला शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानिया का कहना है कि स्कूलों में सरकार की ओर से निर्धारित गाइड लाइन की पालना करवाना प्राथमिकता है.
उनका कहना है कि बीते तीन दिन में वे खुद करीब 8 स्कूलों का निरीक्षण कर चुके हैं. इसके अलावा शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी भी लगातार स्कूलों में औचक निरीक्षण (school inspection) कर व्यवस्था जांच रहे हैं. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि स्कूलों में कोविड संबंधी गाइड लाइन की पालना हो रही है. इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी लगातार स्कूलों में औचक निरीक्षण कर रहे हैं.
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इस संबंध में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) का कहना है कि उन्होंने खुद तीन स्कूलों में जाकर औचक निरीक्षण किया है. लेकिन कोरोना संबंधी गाइड लाइन के उल्लंघन का कोई मामला सामने नहीं आया है. उनका कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास आने वाली इस तरह की समस्याओं का तुरंत समाधान करवाया जाता है. यह शिक्षा विभाग का रोज का काम है. नियमित रूप से अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण कर जायजा ले रहे हैं और कोरोना संबंधी गाइड लाइन की पालना करवाने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग (State Commission for Protection of Child Rights ) की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) भी स्कूलों का निरीक्षण कर रही हैं. स्कूलों में बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर उन्होंने संतोष जाहिर किया है. बता दें कि कोरोना संकट के चलते इस साल 16 अप्रैल से स्कूलें बंद कर दी गई थी. इसके बाद 1 सितंबर से 9वीं से 12वीं कक्षाओं के लिए स्कूल के द्वार खोल दिये गये हैं. लेकिन छात्रों को अभिभावकों की अनुमति के बाद ही स्कूल बुलाया जा रहा है.