राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

ED Raid in Rajasthan: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर ठगी, ईडी का कई शहरों में छापा

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर करोड़ों की ठगी करने के मामले (Cryptocurrency Fraud) में ईडी ने शुक्रवार को राजस्थान के कई शहरों में छापेमारी (ED Raid in Rajasthan) की. ईस दौरान विभिन्न बैंकों के खातों में जमा 46.67 करोड़ रुपए की राशि को फ्रिज किया गया है.

प्रवर्तन निदेशालय
प्रवर्तन निदेशालय

By

Published : Sep 17, 2022, 10:38 AM IST

जयपुर. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को विभिन्न तरह की क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी करने के मामले (Cryptocurrency Fraud) में कार्रवाई करते हुए जयपुर, जोधपुर सहित विभिन्न शहरों में छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम (ED Raid in Rajasthan) दिया. इस दैरान ईडी ने विभिन्न बैंक खातों में जमा 46.67 करोड़ रुपए की राशि को फ्रिज किया है.

ईडी मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार नागालैंड के कोहिमा साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक प्रकरण के आधार पर ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज पर छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया. प्रकरण में ईडी ने जयपुर, जोधपुर, हैदराबाद, बेंगलुरु, दिल्ली, गुडगांव, मुंबई, पुणे, चेन्नई, गाजियाबाद, लखनऊ और गया में छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया. ईडी की तमाम छापेमारी एप बेस्ड टोकन एचपीजेड और संबंधित कंपनी पर की गई है.

पढ़ें:क्रिप्टो करेंसी पर 1% टीडीएस लायेगा पारदर्शिता और वास्तविक खरीदार: विशेषज्ञ

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का दिया झांसा: ठगों ने टोकन बेस्ड एचपीजेड ऐप पर लोगों के अकाउंट बनवाए और उन्हें बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर मोटा मुनाफा कमा कर देने का झांसा दिया गया. लोगों को टोकन के रूप में निवेश कर दोगुना मुनाफा कमाने का झांसा दिया गया और शुरुआत में कुछ निवेशकों को यूपीआई और अन्य माध्यमों से कुछ राशि का भुगतान भी किया गया. लोगों से मोटी राशि निवेश कराने के बाद ठगों ने अन्य व्यक्तियों और कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कर उसे निकाल लिया और यूजर को भुगतान करना बंद कर दिया. कुछ समय बाद वेबसाइट और ऐप ने भी काम करना बंद कर दिया.

46.67 करोड़ की राशि फ्रीज: जब इस पूरे मामले की जांच की गई तो पता चला कि एचपीजेड टोकन चीनी नियंत्रित कंपनियों मैसर्स लिलियन टेक्नो कैब प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड से संचालित किया गया. जांच में यह भी सामने आया कि विभिन्न ऐप, वेबसाइट, गेमिंग, लोन और अन्य चीजों के संचालन के बहाने जनता से राशि ठगने में और भी कई कंपनियों का सहयोग रहा है. लोन एप के जरिए भी लोगों के साथ ठगी करने वाली कई कंपनियों के नाम जांच में सामने आए. जिस पर ईडी ने कार्रवाई करते हुए विभिन्न कंपनियों के कार्यालयों में कई शहरों में छापेमारी कर 46.67 करोड़ की राशि को फ्रीज किया है. छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं, फिलहाल इस पूरे प्रकरण में ईडी की जांच जारी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details