जयपुर.आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी ने सोसाइटी और उसकी सहयोगी कंपनी रिद्धि-सिद्धि ग्रुप ऑफ कंपनीज व अन्य की कुल 365.94 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की है. ईडी ने संपत्ति अटैच करने की यह कार्रवाई राजस्थान, हरियाणा और नई दिल्ली में अंजाम दी है, जिसके तहत मूवेबल और इममूवेबल असेट्स को अटैच करने की कार्रवाई को अंजाम दिया है. साथ ही कंपनी की एफडी और सेविंग बैंक खातों को भी कार्रवाई के तहत अटैच किया गया है.
राजस्थान एसओजी ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के मुकेश मोदी, राहुल मोदी और अन्य लोगों के खिलाफ की गई जांच के आधार पर ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी. ईडी की तरफ से की गई जांच में यह बात सामने आई कि मुकेश मोदी ने अपने रिश्तेदार वीरेंद्र मोदी, राहुल मोदी, रोहित मोदी और अन्य के साथ मिलीभगत कर सोसाइटी में विभिन्न इन्वेस्टर्स की ओर से जमा करवाई गई राशि को सोसाइटी के अधिकारियों और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करते हुए इंटर लिक्विड लेन-देन के जरिए निकाल लिया.
365 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की यह भी पढ़ें:ऑपरेशन क्लीन स्वीप: जयपुर में अब तक 17 महिलाओं सहित 33 तस्कर गिरफ्तार
साथ ही लोगों की ओर से इन्वेस्ट की गई राशि को अपने रियल स्टेट व्यवसाय में लगा दिया. साथ ही जमा करवाई गई राशि से ही विभिन्न कंपनी और फर्म बनाकर उसमें अपने रिश्तेदारों को ऊंचे पदों पर बैठाया. साथ ही प्रोत्साहन और कमीशन के रूप में बड़ी राशि अपने रिश्तेदारों के बैंक खातों में जमा करवाई गई. इस प्रकार से मुकेश मोदी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर 20 लाख निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करते हुए निवेशकों ने जमा करवाई गई राशि का दुरुपयोग किया.
यह भी पढ़ें:ठगी का खेल : सगा भाई बनकर पति ने पत्नी की करा दी शादी, लुटेरी दुल्हन के फरार होने से पहले ऐसे खुली पोल
इससे पहले भी ईडी कर चुकी 1,489.03 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क
आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाला मामले में ईडी ने साल 2019 में भी 6 राज्यों में सोसाइटी की 1,489.03 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है. इसके बाद मार्च 2021 में ईडी ने कोर्ट में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत एक अभियोजन शिकायत दायर की, जिसमें संपत्तियों को जब्त करने के साथ ही प्रकरण में 124 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शुरू करने का अनुरोध किया गया. ईडी की ओर से की गई जांच में अब तक मामले में 3,830 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का पता चला है. उसी के आधार पर अब चल-अचल संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है.