जयपुर. शहर की स्वच्छता के लिए फीडबैक देने के बाद से एक बार फिर शहर की सफाई व्यवस्था बेपटरी हो गई है. निगम प्रशासन को ये तक ख्याल नहीं है कि अभी केंद्रीय आवासन और नगरीय विकास मंत्रालय की ओर से ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स सर्वे कराया जा रहा है.
सर्वे में शहर वासियों को जयपुर में मिल रही सुविधाओं को लेकर फीडबैक देना है. इसी के आधार पर शहर की रैंकिंग होगी. लेकिन प्रशासन महज हाल ही में मिले यूनेस्को हेरिटेज साइट को भुनाकर नंबर वन आना चाहता है.
सर्वे में पूछे जाएंगे 24 प्रश्न
केंद्रीय आवासन एवं नगरीय विकास मंत्रालय की ओर से ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स सर्वे किया जा रहा है. 29 फरवरी तक चलने वाले इस सर्वे में 24 प्रश्न पूछे जाएंगे. 154 नगरीय निकाय इस सर्वे में शामिल किए गए हैं, जिसमें संस्थागत, सामाजिक, आर्थिक और भौतिक सुविधाओं के आधार पर शहर के स्तर का निर्धारण किया जाएगा. इसी आधार पर शहरों की रैंकिंग भी होगी. लेकिन वर्तमान में स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद से एक बार फिर शहर में जगह-जगह कचरा डिपो देखे जा सकते हैं.
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बता दें कि एक बार फिर शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. ये ही नहीं शहर में लगने वाले जाम आम जनता के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब बने हुए हैं, लेकिन इन व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के बजाए शहर प्रशासन महज जयपुर को यूनेस्को से मिले वर्ल्ड हेरिटेज साइट टैग के जरिए इस सर्वे में नंबर वन बनना चाहता है. यही वजह है कि शहर में सर्वे को लेकर लगे पोस्टर-बैनर पर भी केवल इसी का जिक्र है.