जयपुर.बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर पूरा देश परेशान है. राजस्थान में भी 53 हजार से अधिक कोरोना के मामले आ चुके हैं. इस बीमारी से लड़ने के लिए हेल्थ वॉरियर्स लगातार जंग लड़ रहे हैं. इनमें से कुछ चिकित्सक तो ऐसे हैं जो काफी लंबे समय से घर नहीं जा पाए हैं और ना हीं अपने परिजनों से मिले हैं. चाहे कोविड सेंटर पर कार्यरत चिकित्सक हो या क्षेत्रों में जाकर खुद की जान जोखिम में डालकर लोगों की सैंपलिंग करना हो, वे अपना काम बखूबी से निभा रहे हैं.
तनाव नहीं चैलेंज...
इन चिकित्सकों का कहना है कि ऐसी परिस्थिति में उन्हें अपनी जिम्मेदारी और मानवता की सेवा करने का मौका मिला है, जिससे वे किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटना चाहते हैं. जब उनसे पूछा गया कि वे काफी लंबे समय से घर नहीं गए, ऐसे में उन्हें तनाव का सामना करना पड़ रहा होगा. इस पर चिकित्सकों ने जवाब दिया कि भले ही वो बीते कुछ समय से अपने घर नहीं जाकर लगातार कार्य कर रहे हों, लेकिन उन्होंने इस दौरान इस कार्य को तनाव लेकर नहीं, बल्कि एक चैलेंज के रूप में स्वीकार किया है.
सीएमएचओ टीम के डॉ. नवीन शर्मा ने बताया कि बीते 5 महीने से वह शहर के अलग-अलग स्थानों पर लगातार सैंपलिंग लेने का काम कर रहे हैं. इस बीच वे अभी तक अपने घर नहीं गए, क्योंकि उनके परिवार में भी बच्चे और बूढ़े हैं. ऐसे में उनमें संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है.
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डॉ. जयदीप सिंह राजावत का कहना है कि शहर में स्क्रीनिंग का काम का जिम्मा उन्हें सौंपा गया है. इसके चलते बीते 4 महीनों से वे लगातार इसी काम में जुटे हुए हैं. डॉ. योगराज इंदौरिया का कहना है कि वह तो लंबे समय से घर के बाहर ही रहे हैं, क्योंकि वह एक मिलिट्री परिवार से हैं और घर से बाहर एवं घरवालों से लंबे समय तक नहीं मिलना यह तो उन्हें विरासत में मिला है.