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बागी विधायकों का मामलाः सीजे ने पूछा- शिकायत होने पर बिना विचार किए ही सीधे नोटिस करेंगे जारी - Sachin Pilot latest news

हाईकोर्ट में सोमवार को पायलट सहित 19 विधायकों की याचिका पर बहस अधूरी रही. याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पीकर सीपी जोशी के वकील से पूछा कि स्पीकर की ओर से शिकायत मिलने पर क्या बिना विचार किए ही नोटिस जारी किया गया है?

Hearing on the petition of Sachin Pilot, Rajasthan High Court News
बागी विधायकों का मामला

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Published : Jul 20, 2020, 8:10 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को स्पीकर की ओर से जारी नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर बहस अधूरी रही. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 21 जुलाई को सुबह 10:30 बजे रखी है. बहस की शुरुआत मंगलवार को पायलट के वकील मुकुल रोहतगी करेंगे. उसके बाद मामले में पक्षकार बनने की अर्जी पेश करने वाले एनजीओ और एक अन्य की ओर से पक्ष रखा जाएगा.

सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पीकर के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि स्पीकर की ओर से शिकायत मिलने पर क्या बिना विचार किए ही नोटिस जारी किया गया है? वहीं, अदालत ने यह भी पूछा कि क्या पार्टी मीटिंग के लिए व्हिप जारी की जा सकती है? इस पर सिंघवी ने कहा कि नोटिस जारी करने के स्तर पर उचित विचार किया गया था. इसके अलावा विधायकों के जवाब आने पर विचार किया जाएगा.

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वहीं, सिंघवी की ओर से सुप्रीम कोर्ट सहित विभिन्न हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा गया कि पायलट गुट की ओर से जिन मुद्दों को उठाया है, उन्हें सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है. इसके अलावा संविधान ने स्पीकर को विधानसभा संचालन का अधिकार दिया है. स्पीकर के पास विधायकों को अयोग्य घोषित करने और उसके नियम बनाने की शक्ति है, जिसकी न्यायिक समीक्षा भी नहीं हो सकती.

महेश जोशी के वकील देवदत्त कामत ने कहा कि मामले में केंद्र सरकार को पक्ष नहीं बनाया गया है. इसलिए याचिका में कानून को चुनौती नहीं दी जा सकती. कामत ने कहा कि विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है, लेकिन उनके बयानों से पार्टी विरोधी आचरण साबित हो रहा है. पायलट के अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि पार्टी के आंतरिक मामलों में स्पीकर की ओर से नोटिस जारी करना मूल अधिकारों का हनन है.

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