जयपुर. हादसों का रिंग रोड सैकड़ों लोगों का काल बन सकता था. अच्छा रहा कि रिंग रोड पर ट्रैफिक चालू नहीं है. पिछले साल बरसात में 860 करोड़ रुपये के रिंग रोड की सीसी परत हवा में झूलती रही. कई किलोमीटर तक बनने के साथ ही रिंग रोड उखड़ गई थी. रविवार को कुछ ऐसा ही भयानक हादसा हुआ. रिंग रोड के सबसे बड़े 32 लेन का हिंगोनिया टोल प्लाजा की चद्दर तूफानी हवा और बारिश से पेड़ के पत्तों की तरह उड़ गई.
गनीमत रही कि इस टोल प्लाजा पर कोई कर्मचारी नहीं था और ना ही रिंग रोड पर ट्रैफिक था. नहीं तो ना जाने कितनी जानें जा सकती थी. टोल प्लाजा की चद्दर और टोल कैबिन तूफानी बारिश से उखड़ गए और 300 से 400 मीटर दूर तक हवा में उड़ते हुए दूर जा गिरे. हादसे की सूचना मिलने पर एनएचएआई ने कुछ मजदूरों को मौके पर भेजा, जो टोल प्लाजा की टूटे हुए चद्दर, केबिन और अन्य सामान को समेटते दिखाई दिए. हालांकि हादसे पर बातचीत के लिए कोई वरिष्ठ अधिकारी तैयार नहीं दिखा.