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स्कूल बंद होने से बच्चों में तनाव और चिड़चिड़ापन हावी, जानें कैसे रखें बच्चों को Safe

कोरोना वायरस के खतरे की वजह से बच्‍चे लंबे समय से घरों में कैद हैं. स्कूल तो दूर बच्चे अपने पड़ोस के दोस्त (Cousins) से भी दूर हो गए हैं, उन्हें  दोस्तों से अलग थलग अपने घरों तक सीमित रहना पड़ रहा है. वे घर में तनाव के शिकार बन रहे हैं. ऐसे में इसका उनके मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ रहा है. इन्हीं सब मुद्दों पर ईटीवी भारत ने मनोवैज्ञानिक साहिल त्रिवेदी से विशेष चर्चा की.

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मनोवैज्ञानिक लाइफ कोच साहिल त्रिवेदी के साथ विशेष चर्चा

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Published : Jun 5, 2021, 12:06 AM IST

जयपुर. वैसे तो अभी ज्‍यादातर स्‍कूल बंद हैं और कई स्‍कूलों की ओर से बच्‍चों की ऑनलाइन क्‍लासेज शुरू की गई हैं, लेकिन कुछ बच्‍चों का पढ़ाई में मन न लगना इस बात का संकेत हो सकता है कि वे कहीं न कहीं मानसिक तौर पर डिस्‍टर्ब हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर बच्चों में भी चिंता या भय जैसी स्थितियां जन्‍म ले सकती हैं, जो उनके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर डाल सकती हैं. इसलिए उन्‍हें कहीं ज्‍यादा देखभाल की जरूरत है.

मनोवैज्ञानिक लाइफ कोच साहिल त्रिवेदी के साथ विशेष चर्चा

घर के बड़ों में तनाव के कारण

अगर बड़ों में तनाव और गुस्सा है, तो वह बच्चों पर हिंसा के रूप में निकल सकता है. ऐसे में इसका बच्‍चों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. इससे उनका मानसिक और शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य दोनों प्रभावित होंगे, इसलिए बच्‍चे किसी तरह प्रभावित न हों, यह ध्‍यान रखने की जरूरत है.

24 घंटे घर में और एक ही वातावरण में रहने से नकारात्मक विचार आना

कोरोनावायरस महामारी ने देश-दुनिया को प्रभावित किया है. ऐसे में हर तरफ लोग इसको लेकर चिंतित हैं. इसका असर बच्‍चों की मानसिक दशा पर भी पड़ रहा है. उनमें नकारात्मक विचार घर कर रहे हैं. ऐसे में इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है, क्‍योंकि धीरे-धीरे यह तनाव गहरे अवसाद का रूप ले सकते हैं.

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एक जगह लगातार रहना, दोस्‍तों, स्‍कूल से दूरी बच्‍चों में तनाव के कारण बन रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर कोरोना वायरस का डर भी उनके तनाव को बढ़ा रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए स्‍कूल बंद हैं. ऐसे में बच्‍चों की दिनचर्या में भी बदलाव हुआ है. उनके सोने, खाने का समय बदला है. वे देर तक सोने या किसी भी समय सोने, खाने के आदी हो रहे हैं. इसके मद्देनजर जहां उनकी सेहत प्रभावित हो रही है, वहीं उनमें नींद पूरी तरह न आने जैसी समस्‍याएं भी पनपने लगी हैं.

क्या हैं उपाय...

  • बच्चों को पुराने किस्से कहानियां सुनाए

घर के बड़े अपने बच्चों को अपने जीवन की रोचक बातें बताए. उन्हें अपने समय के कहानी-किस्से सुनाएं, उन्हें बताएं कि पहले पूरा परिवार एक साथ बैठकर एक ही चैनल देखता था.

  • बच्चों पर ज्यादा दबाव न बनाएं पैरेंट्स

पेरेंट्स पहले अपनी मेन्टल हेल्थ पर काम करें. अगर घर के बड़े मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे तो बच्चों को अपनी हिंसा और गुस्से का शिकार नहीं बनाएंगे समय और परिस्थितियों की चिंता का प्रभाव घर के बच्चों पर बिल्कुल न डालें. पूरे समय बच्चों को पढ़ने को न बोलें. उनका एक time table उनसे खुद बनवाएं और फिर फॉलो करने को कहें.

बच्चों के मानसिक स्वास्थ को कैसे रखें स्वस्थ

  • बच्चों से नियमित दिनचर्या का पालन करवाएं जैसे टाइम पर सोना, टाइम पर खाना
  • बच्चों को कोरोना की खबरें ज्यादा पढ़ने और सुनने ना दें
  • बच्चों को नियमित उनकी कक्षा की पढ़ाई करवाएं
  • बच्चों को रचनात्मक कार्यों में व्यस्त रखें
  • बच्चों को ज्यादा अपने हिंसा का शिकार ना बनाएं
  • समय निकाल कर बच्चों को घर के कामों में मदद लें और उन्हें घर के काम सिखाएं
  • बच्चों को सुबह समय पर उठा कर प्राणायाम, योगा, एक्सरसाइज करवाएं
  • बच्चों के साथ लूडोस, कैरम, चेस जैसे गेम्स खेलें
  • बच्चों को धार्मिक ग्रंथों की बातें बताएं
  • घर के माहौल को खुशनुमा और सकारात्मक बना कर रखें

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