जयपुर. कोरोना वायरस के कारण देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच राहत की खबर है. रोजाना होने वाले सड़क हादसों के ग्राफ में कमी दर्ज की गई है. कुछ छोटे-मोटे हादसों को छोड़ दिया जाए तो लॉकडाउन के दौरान किसी बड़ी दुर्घटना की खबर नहीं मिली, जो कि प्रदेश की एक सुखद तस्वीर को पेश करती है.
लॉकडाउन के बाद राज्य में कई दुखद खबरें और चिंताजनक हालात के बीच जहां प्रदूषण का स्तर कम हुआ. वहीं, सड़क दुर्घटना के आंकड़ों में भी कमी दर्ज की गई. गौरतलब है कि राजस्थान में बीते कुछ महीनों में बड़े पैमाने पर सड़क हादसे हुए थे, जिनमें सैकड़ों लोगों की जान गई थी. इन हालात में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास समेत रोड सेफ्टी पर काम कर रहे संगठनों ने भी अपनी चिंता जताई थी.
लॉकडाउन में वाहनों पर पाबंदी
सड़कों पर लॉकडाउन के चलते वाहनों की आवाजाही सीमित हो गई है. जिससे सड़क हादसों के रिकॉर्ड में भी गिरावट दर्ज की गई है. राज्य में सालाना 10 हजार से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती रही है. वहीं, लॉकडाउन की अगर बात की जाए तो इन हादसों की संख्या ना के बराबर है. यह भी सब जानते हैं कि लॉकडाउन के दौरान किसी तरह से निजी वाहनों को बाहर निकलने पर प्रतिबंधित किया गया था.
इसके अलावा संस्थानों से जुड़े संसाधनों की आवाजाही पर भी पूरी तरह से रोक थी. ऐसे में निजी वाहनों की संख्या सड़कों पर कम होने के कारण और स्कूल या किसी प्राइवेट संस्थान से जुड़े परिवहन के संसाधनों को रोके जाने के साथ-साथ सार्वजनिक परिवहन में इस्तेमाल किए जाने वाले वाहन लॉकडाउन की अवधि में सड़कों पर नहीं आए. यही वजह रही कि हादसों में बड़ी गिरावट देखी गई.
राजस्थान में 63 फीसदी हादसे हाईवे पर