जयपुर.जिला ग्रामीण के डीएसपी सुनील प्रसाद शर्मा ने लोगों को बड़े बुजुर्गों का सम्मान करने का संदेश देते हुए एक उपन्यास लिखा है, जिसका शीर्षक उन्होंने 'गुमसुम अल्लाह चुप-चुप राम' दिया है. 25 वर्षों की पुलिस सेवा के दौरान सामने आए कई ऐसे मामले हैं, जिस पर डीएसपी सुनील प्रसाद शर्मा द्वारा उपन्यास की रचना की गई है. सभी धर्म ग्रंथों में यह बात लिखी गई है कि बुजुर्ग माता-पिता और घर के अन्य बुजुर्गों का आदर सम्मान करना चाहिए और उनसे पूरी इज्जत के साथ पेश आना चाहिए. इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए इस उपन्यास को लिखा गया है और समाज में लोगों को एक महत्वपूर्ण संदेश देने का प्रयास किया गया है.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान डीएसपी सुनील प्रसाद शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपनी पुलिस सेवा के दौरान यह अनुभव किया है कि मध्यम वर्गीय और निम्न मध्यमवर्गीय लोगों को लेकर कई किताबें लिखी जा चुकी हैं. कई धारावाहिक बनाए जा चुके हैं, लेकिन जो समाज का धनाढ्य वर्ग या उच्च कुलीन वर्ग हैं, उसके बारे में किसी ने भी कहीं कोई जिक्र नहीं किया है. धनाढ्य वर्ग या उच्च कुलीन वर्ग के लोगों के मकानों की चारदीवारी के अंदर उनके माता-पिता किस स्थिति में है. इस पर आज तक किसी ने कुछ भी प्रकाश नहीं डाला है.
डीएसपी सुनील प्रसाद शर्मा ने बताया कि अपनी पुलिस सेवा के दौरान उन्होंने कई आला अधिकारियों, न्यायविदों और धनाढ्य वर्ग के लोगों के घर में तमाम भौतिक सुविधाओं के होते हुए भी उनके माता-पिता को तन्हाइयों का शिकार होते हुए देखा है. डीएसपी शर्मा का कहना है कि इंसान को जन्म देने वाला ही भगवान है और वही भगवान घर के एक कोने में गुमसुम पड़ा है, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने उपन्यास का शीर्षक 'गुमसुम अल्लाह चुप-चुप राम' रखा है.
कई संस्मरण रोंगटे खड़े कर देते हैं
डीएसपी सुनील प्रसाद शर्मा ने बताया कि जब वह सोडाला थाने में थाना अधिकारी के पद पर कार्यरत थे, तो उस समय का एक ऐसा संस्मरण है, जिसे याद कर उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस दौरान वह एक बुजुर्ग से संपर्क में आए जिनके दोनों बच्चे अमेरिका में रहते थे और उन बुजुर्गों की सार संभाल करने वाला कोई नहीं था. बुजुर्ग माता-पिता का दुख दर्द जानने के लिए अमेरिका में सेटल बच्चे कभी-कभी फोन किया करते थे और ममत्व के कारण बुजुर्ग दंपति बच्चों को अपने सही होने की बात कह दिया करते थे. एक अकेलापन उस बुजुर्ग दंपति को खाए जा रहा था, जोकि काफी सोचनीय विषय है.
यह भी पढ़ें-शाहजहांपुर में राजस्थान के किसानों की बड़ी सभा, केंद्र से आरपार की लड़ाई को तैयार