जयपुर. प्रदेश में ड्रग स्टोर्स की जांच के नाम पर अनियमितताओं के मामले सामने आते रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में जयपुर में भी ड्रग ऑफिसर्स की ओर से इंस्पेक्शन के एवज में मासिक बंधी के मामले भी सामने आए थे. ऐसे में इन सब पर लगाम लगाने के लिए अब ड्रग विभाग रिस्क बेस्ड रेंडमाइज्ड सैम्पलिंग सिस्टम (Risk Based Randomized Sampling System) डेवलप कर रहा है. इसके बाद प्रदेशभर के 55 हजार मेडिकल स्टोर्स-ड्रग डिस्ट्रीब्यूटर्स को राहत मिलेगी. इस सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरुआती तौर पर जल्द ही तीन जिलों में लागू किया जाएगा.
प्रदेश में ड्रग ऑफिसर्स बिना किसी ऑर्डर के इंस्पेक्शन नहीं कर सकेंगे. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा (Health Minister Parsadi Lal Meena) के निर्देश पर ड्रग डिपार्टमेंट ने रिस्क बेस्ड रेण्डमाइज्ड सैम्पलिंग सिस्टम डेवलप किया है. इस सिस्टम के जरिए ड्रग ऑफिसर्स की मनमानी पर नकेल कसी जाएगी. ड्रग विभाग ने रिस्क बेस्ड रेण्डमाइज्ड सैम्पलिंग सिस्टम नाम से एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है जिसके लागू होने के बाद ड्रग ऑफिसर्स अपनी मर्जी से किसी भी मेडिकल स्टोर्स पर जांच के लिए नहीं जा सकेंगे. यानि सॉफ्टवेयर ही डीसीओ को निर्देशित करेगा कि किस मेडिकल स्टोर पर किस दिन इंस्पेक्शन करना है. शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही हनुमानगढ़, गंगानगर और बीकानेर में इसकी शुरुआत होगी.