जयपुर.परिवहन विभाग की ओर से जगतपुरा आरटीओ कार्यालय में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को शुरू होने के बाद अब आमजन के मन में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को लेकर डर बन गया है. इस कारण ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदकों की संख्या में कमी आ गई है. जगतपुरा में रोजाना 200 लाइसेंस बनाए जाते थे. लेकिन अब ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक शुरू हो जाने के बाद 30 से 35 लाइसेंस ही बन रहे हैं.
परिवहन विभाग की ओर से प्रदेश के 13 आरटीओ कार्यालय में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का कार्य पूरा कर लिया गया है. इस व्यवस्था को भी विभाग की ओर से लागू कर दिया गया है, लेकिन इस आधी अधूरी तैयारियों के बीच योजना पर पलीता लगता नजर आ रहा है. अब आवेदक ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक के स्थान पर न जाकर डीटीओ कार्यालय में पहुंचकर अपने लाइसेंस बनवा रहे हैं. परिवहन विभाग की ओर से प्रदेश में 13 आरटीओ कार्यालय में ऑटोमेटिक ट्रैक को शुरू किया जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत जगतपुरा में इसकी शुरुआत की जा चुकी है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में 50 डीटीओ कार्यालय में भी लाइसेंस बनाने का कार्य किया जाता है.
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जयपुर के केवल जगतपुरा आरटीओ कार्यालय के अंतर्गत ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक है. इसके अलावा शाहपुरा सहित दूसरे स्थान पर लोग पहुंचकर अब अपने लाइसेंस बनवाए जा रहे हैं. क्योंकि वहां पर मैनुअल ट्रायल किया जाता है, हालांकि आने वाले समय में परिवहन विभाग की ओर से 25 और कार्यालयों में यह व्यवस्था शुरू करने की योजना है. ऐसे में ऑटोमेटिक ट्रैक पर फेल होने से बचने के लिए अब लोग डीटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनवाने जा रहे हैं. राजधानी से लोग लाइसेंस बनवाने के लिए अब विद्याधर नगर, दूदू, कोटपुतली, शाहपुरा तक जाने लगे हैं. क्योंकि वहां पर इस समय ऑटोमेटिक ट्रैक नहीं है. वहां पर अभी भी इंस्पेक्टर मैनुअल ट्रायल करते हैं.