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ड्राइविंग ट्रैक शुरू होने से कम हुए लाइसेंस आवेदक, रोजाना बन रहे सिर्फ 30-35 डीएल - रोज बन रहे सिर्फ 30-35 डीएल

परिवहन विभाग की ओर से जगतपुरा आरटीओ कार्यालय में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को शुरू होने के बाद अब आमजन के मन में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को लेकर डर बन गया है. ऐसे में आवेदक ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक के स्थान पर न जाकर डीटीओ कार्यालय में पहुंचकर अपने लाइसेंस बनवा रहे हैं. इससे लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या में भी काफी कमी आई है.

30 to 35 driving licence preparing daily, डीएल के आदेवकों की संख्या में गिरावट
ड्राइविंग ट्रैक बनने से कम हुए डीएल आवेदक

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Published : Jan 26, 2021, 8:00 PM IST

जयपुर.परिवहन विभाग की ओर से जगतपुरा आरटीओ कार्यालय में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को शुरू होने के बाद अब आमजन के मन में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को लेकर डर बन गया है. इस कारण ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदकों की संख्या में कमी आ गई है. जगतपुरा में रोजाना 200 लाइसेंस बनाए जाते थे. लेकिन अब ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक शुरू हो जाने के बाद 30 से 35 लाइसेंस ही बन रहे हैं.

ड्राइविंग ट्रैक बनने से कम हुए डीएल आवेदक

परिवहन विभाग की ओर से प्रदेश के 13 आरटीओ कार्यालय में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का कार्य पूरा कर लिया गया है. इस व्यवस्था को भी विभाग की ओर से लागू कर दिया गया है, लेकिन इस आधी अधूरी तैयारियों के बीच योजना पर पलीता लगता नजर आ रहा है. अब आवेदक ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक के स्थान पर न जाकर डीटीओ कार्यालय में पहुंचकर अपने लाइसेंस बनवा रहे हैं. परिवहन विभाग की ओर से प्रदेश में 13 आरटीओ कार्यालय में ऑटोमेटिक ट्रैक को शुरू किया जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत जगतपुरा में इसकी शुरुआत की जा चुकी है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में 50 डीटीओ कार्यालय में भी लाइसेंस बनाने का कार्य किया जाता है.

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जयपुर के केवल जगतपुरा आरटीओ कार्यालय के अंतर्गत ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक है. इसके अलावा शाहपुरा सहित दूसरे स्थान पर लोग पहुंचकर अब अपने लाइसेंस बनवाए जा रहे हैं. क्योंकि वहां पर मैनुअल ट्रायल किया जाता है, हालांकि आने वाले समय में परिवहन विभाग की ओर से 25 और कार्यालयों में यह व्यवस्था शुरू करने की योजना है. ऐसे में ऑटोमेटिक ट्रैक पर फेल होने से बचने के लिए अब लोग डीटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनवाने जा रहे हैं. राजधानी से लोग लाइसेंस बनवाने के लिए अब विद्याधर नगर, दूदू, कोटपुतली, शाहपुरा तक जाने लगे हैं. क्योंकि वहां पर इस समय ऑटोमेटिक ट्रैक नहीं है. वहां पर अभी भी इंस्पेक्टर मैनुअल ट्रायल करते हैं.

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स्लॉट में फुल लेकिन नहीं आ रहे लोग

जगतपुरा एआरटीओ कार्यालय के अंतर्गत जब से ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर ट्रायल शुरू हुआ है, तब से लोग अपना लाइसेंस बनवाने के लिए भी नहीं जा रहे हैं. जगतपुरा एआरटीओ कार्यालय में रोजाना ऑटोमेटिक ड्राइविंग प्रैक्टिस शुरू होने से पहले 200 लाइसेंस बनाए जाते थे, लेकिन अब शुरू हो जाने के बाद औसतन 30 से 35 लोग जा रहे हैं. इनमें से आधे फेल भी हो रहे हैं लेकिन दूसरे कार्यालय जहां पर ट्रैक नहीं है, वहां अब आवेदकों की संख्या में बढ़ोतरी भी हुई है.

मंत्री ने दौरा कर फैल नही करने के भी दिए थे निर्देश

ड्राइविंग ट्रैक पर बीते कई दिनों से बवाल देखने को मिल रहा था जिसके बाद खुद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास धरना स्थल पर पहुंचे थे और इंस्पेक्टर को आमजन को फेल नहीं करने को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किए थे. इसके बाद भी ऑटोमेटिक ट्रैक के चलते अभी भी आमजन को फेल किया जा रहा है और मंत्री के आदेशों की पालना नहीं की जा रही है.

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