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कोरोना की फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट : डॉ बी लाल लैब के कर्मचारियों की करतूत...कोरोना की बना रहे थे फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट, दो आरोपी गिरफ्तार - Doctor B Lal Lab fake corona report

कुछ लोग अपने फायदे के लिए फर्जी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. जयपुर की शिप्रा पथ थाना पुलिस ने फर्जी कोरोना रिपोर्ट तैयार करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने फर्जी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट बनाने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

Coroner's fake report Jaipur
कोरोना की फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट

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Published : Apr 27, 2021, 10:47 PM IST

जयपुर.पुलिस ने डॉ बी लाल लैब और एबी डायनेस्टिक में सैंपल कलेक्शन का काम करने वाले कर्मचारियों को फर्जी कोरोना रिपोर्ट तैयार करने के मामले में गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कर्मचारी अभिषेक शर्मा और निखिल आकड़ को गिरफ्तार किया है. पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी घर-घर जाकर सैंपल लेकर कुर्ला की रिपोर्ट बदलने का काम कर रहे थे.

आरोपी लोगों से रुपए लेकर फर्जी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट व्हाट्सएप के जरिए भेजते थे. आरोपी अभिषेक अपने सहयोगी निखिल को कोरोना की रिपोर्ट भेजता था. निखिल लैब में जाकर पुरानी रिपोर्ट को गूगल पर ऑनलाइन ऐप के जरिए बदलता था. इस तरह के कारनामे के सामने आने के बाद जयपुर पुलिस अलर्ट हो गई है. डीसीपी साउथ हरेंद्र महावर के मुताबिक कोरोना की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

वर्तमान में कोरोना की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी की सूचना का खुलासा करने और उनके खिलाफ पुख्ता कार्रवाई करने के लिए एडिशनल डीसीपी साउथ अवनीश कुमार और एसीपी मानसरोवर संजीव चौधरी के निर्देशन में शिप्रा पथ थाना अधिकारी महावीर सिंह राठौड़ के नेतृत्व में स्पेशल टीम का गठन किया गया. पुलिस की स्पेशल टीम ने कड़ी मेहनत करते हुए सूचनाएं एकत्रित करके डॉ बी लाल लैब में सैंपल कलेक्शन का काम करने वाले कर्मचारी अभिषेक शर्मा और एबी डायनेस्टिक के कर्मचारी सैंपल कलेक्शन करने वाले निखिल आकड को गिरफ्तार किया है.

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आरोपी अभिषेक शर्मा सैंपल कलेक्शन करके सैंपल को कचरा की गाड़ी में डिस्ट्रॉय कर देता था. पीड़ित से रुपए लेकर एबी डायनेस्टिक सेंटर रजत पथ मानसरोवर में काम करने वाले निखिल को पीड़ित का आधार कार्ड की फोटो प्रति व्हाट्सएप करता था. निखिल से फर्जी रिपोर्ट बनाने की कहता तो निखिल एबी डायग्नोस्टिक सेंटर के कंप्यूटर में गूगल पर ऑनलाइन पीडीएफ एडिटर की मदद से लैब में रखी पुरानी रिपोर्ट में नाम पता बदलकर रिपोर्ट वापस अभिषेक को व्हाट्सएप से भेज देता था. अभिषेक व्हाट्सएप के जरिए पीड़ित को रिपोर्ट भेज देता था. आरोपियों के मोबाइल में काफी लोगों की फर्जी कोरोना रिपोर्ट दिए जाने के साक्ष्य और व्हाट्सएप चैटिंग में फर्जी रिपोर्ट तैयार किए जाने के साक्ष्य पाए गए हैं.

आरोपी कोरोना की महामारी के विकट संकट में भी काफी लोगों के साथ धोखाधड़ी करके कोविड-19 की जांच के नाम पर काफी रुपए ऐंठ चुके हैं. फर्जी रिपोर्ट तैयार करके लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया गया है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

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