जयपुर. मूल निवास बनाने के लिए अभिभावकों को अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. प्रदेश की गहलोत सरकार ने अभिभावकों को बड़ी राहत देते हुए कक्षा 5 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए विद्यालय स्तर पर ही मूल निवास बनाने की अनुमति दे दी (Domicile certificate in schools for students) है. इसको लेकर गृह विभाग ने विस्तृत परिपत्र जारी कर दिया है. इस परिपत्र के जारी होने के साथ ही अब कक्षा 5 से 8 तक के बच्चों का मूल निवास विद्यालय स्तर पर ही बन सकेगा.
गृह विभाग की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से मूल निवास प्रमाण पत्र मौजूदा नियमों के अनुसार जिला कलेक्टर, उपखण्ड अधिकारी, सहायक जिलाधीय, तहसीलदार के हस्ताक्षर से जारी किये जा रहे हैं. साथ ही अधिकृत ई-मित्रों के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन पत्र सक्षम प्राधिकारियों भी प्रेषित किये जाते हैं. कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के अनुसार राज्य के विद्यालय में कक्षा 5 से 8 तक अध्ययनरत अनुसुचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को मूल निवास प्रमाण पत्र विद्यालय के स्तर पर जारी किए जाने हैं.
पढ़ें:अब सादे कागज पर भी मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र का प्रिंट ले सकेंगे आवेदक
ये होंगे नियम -
- विद्यालय के प्राचार्यो-प्रधानाध्यापकों की ओर से कक्षा 5 में अध्ययनरत विद्यार्थियों के वर्ष में एक बार मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए निर्धारित आवेदन पत्र स्कूल स्तर पर ही भरवाएं जायेंगे.
- आवेदन पत्र विद्यार्थी से भरवाए जाते समय सबंधित स्कूल प्राचार्य/प्रधानाध्यापक का यह दायित्व होगा कि निर्धारित आवेदन पत्र की समस्त प्रविष्टियां सही-सही भरें ताकि विद्यार्थी को सही मूल निवास प्रमाण पत्र प्राप्त हो सके. विद्यार्थियों के संबंध में आवेदन पत्र में वांछित जानकारियां सही प्रविष्टि करवाने की जिम्मेदारी प्राचार्य/प्रधानाध्यापक की रहेगी.
- उक्त दस्तावेजों को बनवाने के लिए सितम्बर/अक्टूबर माह में कार्रवाई की जाएगी.
- प्रधानाध्यापक/प्राचार्य की ओर से उक्त दस्तावजों को सरकार की ओर अधिकृत संबधित उपखण्ड अधिकारी के परिक्षेत्र में स्थापित ई-मित्र, सीएससी केन्द्र के माध्यम से सक्षम प्राधिकारियों को अग्रिम कार्रवाई के लिए भिजवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी.
पढ़ें:जोधपुर में E Mitra At Home योजना की हुई शुरूआत..पहले आवेदक को कलेक्टर ने दिया दस्तावेज
- सक्षम प्राधिकारी उक्त आवेदनों की नियमानुसार जांच कर 30-60 दिवस में प्रमाण पत्र जारी करेंगे. साथ ही यदि किसी विद्यार्थी का आवेदन पत्र निरस्त कर दिया गया है, तो उसकी सूचना कारण सहित प्रधानाध्यापक/प्राचार्य का दी जाए. स्कूल की ओर से नियमानुसार इस संबंध में सक्षम अधिकारी को अपील की जाए.
- मूल निवास प्रमाण पत्र जारी होने के बाद एक प्रति संबंधित वर्ग के छात्र-छात्राओं को लाभ/रियायत/सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विद्यालय में सुरक्षित रखी जाए.
- मूल निवास प्रमाण पत्र यथा संभव कक्षा 5 में अध्ययनरत विद्यार्थी को जारी किया जायेगा. यदि अपरिहार्य कारण से किसी विद्यार्थी का मूल निवास प्रमाण पत्र कक्षा 5 में जारी नहीं हो पाता है, तो ऐस विद्यार्थियों का मूल निवास प्रमाण पत्र कक्षा 8 में भी जारी किया जा सकेगा.