जयपुर :भारत में कोरोना की दूसरी लहर कितनी खतरनाक है, इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि अभी तक देश में 400 से अधिक डॉक्टरों की जान जा चुकी है. राजस्थान में यह आंकड़ा 34 है, जबकि अकेले जयपुर में 9 चिकित्सक कोरोना संक्रमण से मर चुके हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है और एक लिस्ट जारी की है, जिसमें कोरोना संक्रमण से मरने वाले डॉक्टर की संख्या बताई गई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक सबसे ज्यादा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डॉक्टरों की इस महामारी से जान गई है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस संबंध में आंकड़ा जारी किया है. इसमें बताया गया है कि दूसरी लहर में किस राज्य में कितने-कितने डॉक्टरों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई है. आंकड़ों के अनुसार कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक 100 चिकित्सकों की मौत राजधानी दिल्ली में हुई है. इसके बाद बिहार में 96 चिकित्सकों ने कोरोना संक्रमण से अपनी जान गंवाई है.
राजस्थान में पहली लहर में केवल 17 मौतें
प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसाइटी के सेक्रेटरी डॉ विजय कपूर बताते हैं कि कोरोना की पहली लहर में राजस्थान में कुल 17 चिकित्सकों की मौत कोरोना से हुई थी. जबकि दूसरी लहर में यह आंकड़ा केवल डेढ़ माह में 34 हो चुका है. इसमें जयपुर में 9 मौतें दर्ज हुई हैं.
वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके 12 चिकित्सकों की मौत
आईएमए के मुताबिक दिल्ली में कम से कम 12 ऐसे डॉक्टर थे, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लिए थे, लेकिन वह कोरोना संक्रमित हुए और इनमें से सभी की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल इसके एक उदाहरण हैं.
हालांकि, केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बावजूद जान गंवाने वाले डॉक्टर की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिंता जाहिर की है. नीति आयोग ने भी स्पष्ट किया है कि भारत में बनने वाले दोनों टीके को इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दी गई है.