जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने दिव्यांगजनों को पदोन्नति (Reservation in promotion for handicapped) में 4 प्रतिशत आरक्षण का बड़ा लाभ दिया है. साथ ही इसकी प्रभावी पालना के लिए हर विभाग में नोडल अधिकारी बनाया है. सीएम अशोक गहलोत ने इसके लिए परिपत्र का अनुमोदन भी कर दिया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने राज्य सरकार की सीधी भर्तियों के साथ ही पदोन्नतियों में भी दिव्यांगजन को 4 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. साथ ही दिव्यांगजनों को सीधी भर्ती में ऊपरी आयु सीमा एवं न्यूनतम अंकों में छूट का भी लाभ दिए जाने का प्रावधान किया गया है. गहलोत ने इनकी प्रभावी पालना के लिए परिपत्र का अनुमोदन भी कर दिया है.
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मुख्यमंत्री के इस निर्णय से दिव्यांगजनों को राजकीय सेवाओं में भर्ती और पदोन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे. गहलोत ने दिव्यांगजन आरक्षण के प्रावधानों की पालना के लिए प्रत्येक विभाग में नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए हैं. इस संबंध में उन्होंने राज्य में राजस्थान दिव्यांगजन अधिकार नियम (संशोधित)-2021 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कार्मिक विभाग की ओर से सभी विभागों को जारी किए जाने वाले परिपत्र का अनुमोदन किया है.
पदोन्नति में आरक्षण की पालना सुनिश्चित करने के लिए कार्मिक विभाग द्वारा निर्देश जारी किए जा रहे हैं. उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के बाद विशेष योग्यजनों को पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान करने वाला राजस्थान अग्रणी राज्य है. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने हाल ही में राजस्थान दिव्यांगजन अधिकार नियम (संशोधित)-2021 की अधिसूचना जारी की है.
कार्मिक विभाग ने जारी किए आदेश
इस अधिसूचना के तहत कार्मिक विभाग ने सभी विभागों में दिव्यांगजनों को सीधी भर्ती और पदोन्नतियों में दिए जाने वाला आरक्षण, ऊपरी आयु सीमा में छूट एवं अंकों में रियायत संबंधी प्रावधानों की पालना के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत नोडल अधिकारी की और से संबंधित विभाग के सभी सेवा संवर्गों में दिव्यांगजनों को देय आरक्षण प्रावधानों की पालना सुनिश्चित कराई जाएगी. इसके लिए रोस्टर पंजिका के संधारण के साथ ही नोडल अधिकारी की और से विभागाध्यक्ष को प्रतिवर्ष पालना रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी.