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स्पेशल रिपोर्ट: जयपुर की मिनी ने हुनर से तोड़ी दिव्यांगता की दीवार - Special Report

जयपुर की मिनी राजपाल उन लोगों को हिम्मत देती है जो अपने आप को कमजोर मानकर निराश रहते हैं. मिनी राजपाल ने अपने हुनर से दिव्यांगता की दीवार तोड़ी और अपने लिए खुद का रास्ता बनाया. जानिए स्पेशल रिपोर्ट में मॉडल बनने की कहानी...

जयपुर की मिनी राजपाल , Divyang Model Mini Rajpal

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Published : Oct 13, 2019, 5:23 PM IST

जयपुर. लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. ये पक्तियां जयपुर की मिनी राजपाल पर सटीक बैठती हैं. ईश्वर ने उन्हें भले ही बोलने और सुनने की शक्ति नहीं दी. लेकिन, बाकी उनमें इतने हुनर भर दिए हैं जिसका बखान शब्दों में कर पाना संभव नहीं है. दिव्यांगता को पीछे छोड़ अपने हौसले और जज्बे के बल पर शोहरत हासिल की. दुनिया में देश का मान बढ़ाया. एक दर्जन से अधिक सम्मान अपने नाम किए और प्रेरणा बन गई उनके लिए जो दिव्यांगता को कमजोरी मान निराश हो जाते हैं.

स्पेशल रिपोर्ट: जयपुर की मिनी ने हुनर से तोड़ी दिव्यांगता की दीवार

जी हां, कहानी है जयपुर की मिनी राजपाल की. मिनी को ईश्वर ने भले ही बोलने और सुनने की शक्ति नहीं दी. वो इशारों ही इशारों में अपनी बात बताती है. लेकिन उनसे अपने हुनर और आत्मविश्वस ने दिव्यांगता की दीवार को तोड़ सफलता की इबारद लिखी. जयपुर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान बनाई. देश दुनिया ने अपने हुनर के दम पर देश का मान बढ़ाया. बचपन से सुनने और बोलने में असमर्थ मिनी राजपाल अकसर टीवी में रैंप पर वॉक करती मॉडल को देख मन ही मन अपनी दिव्यांगता को कोसती. मन में एक टीस हमेशा रही की अगर वो दिव्यांग नहीं होती तो वो भी उन सब टीवी उन सब मॉडल्स के साथ रैंप पर मंच साझा करती. लेकिन मिनी ने हार नहीं मानी और अपनी बड़ी बहन दीपिका राजपाल और दिव्यांगों के लिए काम कर रहे मनोज भारद्वाज मिले मोटिवेशन के साथ घर से निकली और ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग लेने लगी.

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मिनी ने जयपुर के छोटे-छोटे कर्यक्रमों के जरिये ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग लेने लगी. कई बार हार का सामना भी करना पड़ा, लेकिन हार नहीं मानी और मेहनत करती रही, आपने हौसले और आत्मविश्वास के दम पर मिनी ने वो कर दिखाया जिसे शब्दों में बखान करना संभव नहीं. मिनी ने ना केवल जयपुर के कॉप्टीशन में जीत हासिल की, बल्कि उन्होने इस हुनर को आगे तक ले जाते हुए 2012 में बॉम्बे में हुए ब्यूटी कॉम्पिटिशन में मिस डेफ इण्डिया की सेकंड रनर रही. उसके बाद 2013 सोफिया बुलगारिया में हुए इंटरनेशनल मिस डेफ कॉम्पटीशन में इण्डिया का प्रतिनिधित्व किया. इतना ही नहीं 2014 में जयपुर में हुए सामान्य श्रेणी के विपुल मॉडल हंट में प्रथम स्थान प्राप्त कर हुनर का लोहा मनवा दिया.

मिनी ने अब तक अपने आत्मविश्वस और हुनर के दम पर एक दर्जन से अधिक सम्मान के जरिये राज्य और देश का नाम आगे बढ़ाया. लेकिन देश-विदेश में प्रदेश का मान बढ़ाने वाली मिनी राजपाल अपने सिस्टम से निराश हुई. मिनी बताती है कि सामान्य श्रेणी के मॉडल्स को नेशनल अवार्ड मिलने पर बड़े स्तर पर ब्रेक मिल जाता है और डेफ कम्युनिटी के लिए वहां जगह नहीं होती. ऐसे में प्रदेश की सरकार से उम्मीद होती है कि वो इन डेफ कम्युनिटी के लिए कुछ मदद के हाथ आगे बढ़ाये ताकि वो समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकते, लेकिन अफ़सोस की सरकार मॉडलिंग को कोई हुनर ही नहीं मानती.

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मॉडल मिनी ने अपने हुनर के दम पर जिस तरह से दिव्यांगता की दीवार को तोड़ सफलता की इबारत लिखी उससे आज वो प्रेरणा है, उनके लिए जो दिव्यांगता को कमजोरी मान निराश हो जाते है, लेकिन सरकार को भी चाहिए की इनके इस हुनर का सम्मान करते हुए मदद के हाथ आगे बढ़ाये ताकि ये भी मुख्यधारा से जुड़ सकें.

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