जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए और उसकी मॉनिटरिंग सही तरीके से हो रही है या नहीं इसको देखने के लिए अब संभागीय आयुक्त मंत्री के साथ महीने में एक बार दौरा करना होगा. इस दौरे के दौरान योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए मॉनिटरिंग होगी. साथ ही उसकी रिपोर्ट भी तैयार होगी.
प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार अब संभागीय आयुक्त की जिम्मेदारी होगी कि वह प्रभारी मंत्री से समन्वय करके महीने में अपने प्रभारी जिले का दौरा करेंगे. संभागीय आयुक्त को हर महीने 2 दौरे करने होते हैं. इनमें एक दौरा प्रभारी मंत्री के साथ करना होगा.
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भाजपा सरकार के समय भी प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव अलग-अलग दौरा करते थे. इस आधार पर जिले मंत्री और सचिव की रेटिंग तय होती थी. वहीं अब कांग्रेस सरकार में अब प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिवों के साथ साथ दौरा करते हैं. इस दौरे में संभागीय आयुक्त को भी शामिल किया गया है. बता दें कि प्रदेश के 7 संभागीय आयुक्त हैं. जो सभी संभाग का दौरा प्रभारी मंत्री के साथ करेंगे.
योजनाओं की आमजन व्यक्ति तक पहुंच की जांच करने की है मंशा
प्रदेश की गहलोत सरकार जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने और योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए प्रभारी मंत्री प्रभारी सचिव को उसकी जिम्मेदारी दी हुई थी. अब इसके साथ-साथ संभागीय आयुक्त को भी इसमें शामिल कर लिया है.
सरकार की मंशा है कि जो योजना आम जनता के लिए और आखिरी छोर पर बैठे व्यक्ति के लिए लागू की जा रही है, उसका लाभ उसे मिल रहा है या नहीं, इसकी जांच हो. साथ ही योजना का लाभ अंतिम पंक्ति में बैठे हुए व्यक्ति को भी मिले, यह सुनिश्चित हो. इसलिए प्रभारी सचिव प्रभारी मंत्रियों और संभागीय आयुक्त को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है.