जयपुर. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जिले में बाल अधिकारिता विभाग और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वह ऑनलाइन कक्षाओं के संबंध में जल्द ही उचित गाइडलाइन जारी करें. इसके साथ ही प्राधिकरण ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर दोनों विभागों को बाल हित में कठोर कदम उठाने को कहा है.
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प्राधिकरण ने प्रदेश स्तर पर उचित कार्रवाई के लिए प्रकरण को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को भी भेज दिया है. जिला प्राधिकरण ने सभी स्कूलों में बुक बैंक स्थापित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने की जरूरत भी बताई है. जिला प्राधिकरण ने यह दिशा-निर्देश ऑनलाइन क्लास को लेकर एक छात्र की ओर से भेजे गुमनाम पत्र पर राज्य सरकार की ओर से दिए जवाब से असंतुष्ट होकर दिए.
जिला प्राधिकरण की ओर से राज्य सरकार को कहा गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी के पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए संसाधन नहीं है. इसके बावजूद शिक्षा विभाग, बाल अधिकारिता विभाग और बाल आयोग ने कोई गाइडलाइन जारी नहीं की. स्कूली शिक्षा का महत्व समता की भावना पैदा करना भी है. स्कूलों में सभी आय वर्ग के बच्चे आते हैं. ऐसे में कुछ बच्चों के पास संसाधन नहीं होने से बाल मन पर दुष्प्रभाव पड़ेगा. बाल अधिकारिता विभाग ऑनलाइन कक्षाओं के बारे में जल्दी गाइडलाइन जारी करें.