जायपुर. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन में बेरोजगार हुए 37 श्रेणी के जरूरतमंदों और प्रवासियों को सरकार ने गेहूं देने का वादा किया है. इसके लिए जयपुर शहर में 1 लाख 23 हजार परिवारों के चार लाख 77 हजार से ज्यादा सदस्य शामिल है. पहले 12 जून से गेहूं वितरण करना था, लेकिन समय पर गेहूं नहीं पहुंचने के कारण इसका वितरण 15 जून से शुरू किया गया. जिला रसद विभाग ने दावा किया था कि सोमवार को 70 राशन की दुकानों पर गेहूं का वितरण किया जाएगा, लेकिन सोमवार को 61 दुकानों पर ही गेहूं का वितरण किया गया. वहीं शेष 513 दुकानों पर लोग गेहूं का इंतजार करते ही रह गए.
जयपुर शहर में कई ऐसी दुकानें थी, जो गेहूं नहीं पहुंचने के कारण खुली ही नहीं, वहां सेंकडों लोग गेहूं पाने की आस में भीषण गर्मी में खड़े दिखाई दिए. कुछ ऐसी जगह भी थी, जहां जरूरतमंद सुबह 4 बजे ही गेहूं लेने पहुंच गए, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी उन्हें गेहूं नहीं मिल पाया. जयपुर के निवारू रोड पर स्थित एक दुकान पर सैकड़ों लोग सुबह से ही गेहूं लेने के लिए जमा हो गए. जब दुकानदार ने दुकान खोली तो लोग गेहूं लेने के लिए टूट पड़े कुछ लोगों को गेहूं देने के बाद राशन डीलर ने दुकान ही बंद कर दी. उसने कहा कि जब तक लोग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करेंगे और भीड़ कम नहीं होगी तब तक वह गेहूं नहीं बांटेगा.
यहां एक नजारा भी देखने को मिला. लोग बढ़ती धूप को देखकर अपने कट्टों से ही लाइन बनाकर इधर-उधर छाया में खड़े हो गए. इस तरह से कट्टो की लंबी लाइन भी दुकान के बाहर दिखाई दी. लोगों ने दुकानदार से मिन्नत भी की, लेकिन दुकानदार ठस से मस नहीं हुआ और उसने दुकान नहीं खोली. दुकानदार ने इसकी सूचना पुलिस को दी. काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को तितर-बितर किया. इस दौरान पुलिस कांस्टेबल भीड़ पर लाठी बरसाता हुआ भी नजर आया. पुलिस की लाठी पड़ने के बाद भी लोग इधर-उधर नहीं हुए, बल्कि भीड़ कान्स्टेबल के सामने हो गई.