जयपुर.प्रदेश में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए भारत सरकार की ओर से नई पहल शुरू की जा रही है. इस पहल के तहत पहले चरण में प्रदेश के 5 जिलों में फोर्टीफाइड चावल का वितरण अप्रैल महीने से किया जाएगा. फोर्टीफाइड चावलों में जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व मौजूद रहते हैं. इसके बाद अन्य जिलों में भी फोर्टीफाइड चावलों का वितरण शुरू किया जाएगा.
महिलाओं और बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए भारत सरकार की ओर से प्रदेश के आशान्वित जिलो बारां, धौलपुर, जैसलमेर, करौली और सिरोही में फोर्टीफाइड चावल का वितरण समेकित बाल विकास सेवाएं और मिड डे मील में आगामी अप्रैल माह से किया जाएगा.
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव नवीन जैन शुक्रवार को शासन सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान उपस्थित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश के पांच आशान्वित जिलों को प्रथम चरण में शामिल किया गया है आगामी दो चरणों में प्रदेश के अन्य जिलों को शामिल किया जाएगा.
जैन ने बताया कि आगामी अप्रैल माह से फोर्टीफाइड चावल का वितरण प्रदेश में समेकित बाल विकास सेवाएं और मिड डे मील कार्यक्रम के तहत किया जाएगा, जिससे बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी. फोर्टीफाइड चावल में जरूरी मात्र में आयरन, जिंक, विटामिन बी 1, बी 12 और फॉलिक एसिड के अलावा जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व मौजूद रहते हैं.
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जैन ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से फोर्टीफाइड चावल का उठाव कर समेकित बाल विकास सेवाएं और मिड डे मील को वितरण किया जाएगा. प्रदेश के पांच आशान्वित जिलों में समेकित बाल विकास सेवाए में लगभग 77 हजार 736 मेट्रिक टन और मिड डे मील में 4 हजार 551 मेट्रिक टन फोर्टीफाइड चावल की आवश्यकता रहेगी.
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव डॉ. के के पाठक निदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं डॉ. प्रतिभा सिंह अतिरिक्त निदेशक श्री राजेश वर्मा सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे.