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विधानसभा सत्र के साथ ही संगठन अभियान से वसुंधरा की दूरी बनी चर्चा का विषय - वसुंधरा राजे भाजपा न्यूज

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे विधानसभा सत्र से इस बार पूरी तरह नदारद रहीं. इतना ही नहीं प्रदेश भाजपा के संगठन से जुड़े अभियान में भी उनकी सक्रियता ना के बराबर रही, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है. ऐसा माना जाने लगा है कि वसुंधरा राजे का कद लगातार घट रहा है.

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Published : Aug 7, 2019, 4:33 PM IST

जयपुर.राजस्थान विधानसभा का पूरा बजट सत्र निकल गया और भाजपा का प्राथमिक सदस्यता अभियान भी अपने अंतिम चरण में है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे इन दोनों ही स्थानों पर इस बार सक्रिय नजर नहीं आयी. विधानसभा में राजे ने जनता से जुड़ा एक भी सवाल नहीं लगाया तो वहीं सदस्यता अभियान में वो पार्टी की सदस्यता बढ़ाती नजर नहीं आयी. ये सब राजस्थान से कम होते वसुंधरा राजे के रुतबे की ओर इशारा करते हैं.

वसुंधरा राजे ने विधानसभा में कोई सवाल नहीं लगाया,संगठन कार्यक्रमों से भी बनाई दूरी

विधानसभा में दिखी एक दिन,नहीं लगाया एक भी सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री और झालरापाटन से भाजपा विधायक वसुंधरा राजे विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र के दौरान महज एक ही दिन विधानसभा में नजर आई. अब जब राजे राजस्थान विधानसभा से ही दूर रही तो उनके द्वारा यहां अपने क्षेत्र की जनता से जुड़ा सवाल लगाने का तो सवाल ही नहीं उठता. हुआ भी ऐसा ही मौजूदा सत्र में वसुंधरा राजे का एक भीतर अंकित या आतंकित सवाल विधानसभा में सूचीबद्ध नजर नहीं आया. राजे विधानसभा क्षेत्र से क्यों दूर रही इसका जवाब भाजपा विधायकों के पास भी नहीं था यही कारण है कि वह गोलमोल जवाब भी देते नजर आये.

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सदस्यता अभियान समाप्ति पर, राजे नहीं दिखी सक्रिय
विधानसभा क्यों मौजूदा सत्र से तो वसुंधरा राजे दूर रही है लेकिन इस दौरान पार्टी संगठन की ओर से चल रहे हैं अभियान और कार्यक्रमों में भी राजे की सक्रियता नजर नहीं आई खासतौर पर प्रदेश में चल रहे बीजेपी सदस्यता अभियान के दौरान वसुंधरा राजे कहीं भी नजर नहीं आई. यह सीजी तो तब है जब पार्टी देशभर में संगठन महापर्व चला रही है लेकिन पार्टी के इस महापर्व में राजे को ज्यादा महत्व भूमिका नहीं मिल पाई. ये तमाम बातें भाजपा को प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बनी हुई हैं क्योंकि मामला वसुंधरा राजे से जुड़ा है जो राजस्थान की सियासत की सियासत की कभी धुरी हुआ करती थी.

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