जयपुर.आदिवासियों के विकास और उत्थान के लिए आयोजित दो दिवसीय आदिवासी विकास परिषद का सम्मेलन तो संपन्न हो गया, लेकिन अपने पीछे कई विवाद छोड़ गया. सम्मेलन के दौरान लेखक रूपचंद वर्मा ने अपनी पुस्तक (Roopchand Verma controversial book) 'अधूरी आजादी' वितरित की. इसमें ब्राह्मणों के साथ ही महात्मा गांधी तक के लिए विवादित टिप्पणियां थी.
सम्मेलन में यह किताब प्रमुख लोगों को वितरित हुई. इसके बाद खुलासा होने पर परिषद प्रदेश अध्यक्ष के सी घुमरिया ने रूपचंद वर्मा को विद्वान तो बताया लेकिन विवादित पुस्तक से परिषद के कनेक्शन को लेकर इंकार कर दिया. दरअसल यह सम्मेलन बिरला सभागार में 2 दिन चला था. पहले दिन यह पुस्तक परिषद के उपाध्यक्ष रूपचंद वर्मा ने कुछ प्रमुख पदाधिकारियों और यहां आए विशिष्ट लोगों को दी. इस दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आना तय था लेकिन वे नहीं आए. दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम और भाजपा सांसद अर्जुन लाल मीणा सहित कई बड़े नेता शामिल हुए.
विवादित टिप्पणी : ब्राह्मण यूरेशिया से आए अक्रांता हैं..
किताब में ब्राह्मणों को यूरेशिया से भारत में आए आक्रांता बताया है. इसके लिए बकायदा पंडित जवाहरलाल नेहरु की किताब भारत एक खोज में लिखे गए 'आर्य यूरेशिया से भारत में आए हैं' का भी तथ्य शामिल किया गया. यह भी लिखा गया कि अखबार में छपी एक खबर के आधार पर डीएनए की वैज्ञानिक टेस्ट रिपोर्ट से यह साबित हो चुका है कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य यूरेशियन नस्ल के हैं. जो लूटमार के मकसद से भारत आए थे.
वहीं मुसलमान ईसाई सिख बौद्ध दलित आदिवासी पिछड़ी जाति के लोगों का डीएनए आपस में मिलता है, जो साबित करता है कि यह सब इस देश के मूल निवासी हैं.