जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 24 फरवरी को बजट पेश किया. लेकिन बजट में अल्पसंख्यकों के लिए कोई घोषणा नहीं की. जिसके चलते अल्पसंख्यक काफी नाराज दिखे. अल्पसंख्यको का कहना है कि बजट घोषणाओं में मदरसा और उर्दू तालीम का जिक्र तक नहीं किया गया. साथ ही कोई नई घोषणा भी नहीं की गई. इस संबंध में राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ गुरुवार को ईदगाह इलाके में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ प्रदर्शन कर उनका पुतला फूंकेगा.
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राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में मदरसा तालीम और उर्दू तालीम के लिए कोई घोषणा नहीं की. इन दोनों महत्वपूर्ण विषयों को सिरे से खारिज कर दिया गया है.
इसके अलावा हज, वक्फ विकास समिति, वक्फ बोर्ड उर्दू एकेडमी के लिए भी कोई घोषणा नहीं की गई. हॉस्टल बनाने की जो घोषणा है वह भी पुरानी है. उर्दू टीचरों की भर्ती और मदरसा पैराटीचर को नियमित करने को लेकर भी कोई घोषणा नहीं की गई. अल्पसंख्यकों की स्कॉलरशिप में भी बढ़ोतरी नहीं की गई.
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कायमखानी ने कहा कि सबसे बड़ी बात कक्षा 1 से 5 तक की उर्दू तालीम को बंद कर दिया गया है. बजट में इसे फिर से बहाल करने की उम्मीद अल्पसंख्यकों ने लगाई हुई थी. उसका भी कोई जिक्र मुख्यमंत्री ने नहीं किया. बता दें कि कक्षा एक से पांच में उर्दू भाषा बंद करने को लेकर कई बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं. अल्पसंख्यकों को बजट में उर्दू तालीम को लेकर बड़ी घोषणा की उम्मीद थी.