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Rajasthan Assembly Session : बिजली खरीद और गौ-सेस मंत्री के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं, स्पीकर ने कहा- दूसरे तरीके से लाएं सवाल...करवाएंगे चर्चा

राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान (Rajasthan Assembly Session) गौ-सेस और बिजली खरीद से जुड़े सवाल पर मंत्री के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नजर नहीं आया. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने सवाल को दूसरे तरीके से लाने और इस पर चर्चा करवाने की बात कही.

Rajasthan Assembly Proceedings
स्पीकर सीपी जोशी...

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Published : Mar 3, 2022, 5:27 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को गौ-सेस से जुड़े सवाल पर मंत्री शांति धारीवाल के जवाब से विधायक संयम लोढ़ा संतुष्ट नहीं हुए. वहीं, इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी सवाल खड़े किए तो स्पीकर सीपी जोशी ने (Speaker CP Joshi in Assembly Session) इस सवाल को दूसरे तरीके से लगाने के लिए कहा.

इसी प्रकार बिजली कंपनियों के एक ही महीने में अलग-अलग कीमतों पर बिजली खरीद से जुड़े (Discussion on Power Purchase in Rajasthan Assembly) सवाल के जवाब से भी विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने सवाल को भी दूसरे तरीके से लाने और इस पर चर्चा करवाने की बात कही.

सुनिए किसने क्या कहा....

दरअसल, हुआ यह कि गौ-सेस से जुड़े सवाल के जवाब में धारीवाल ने कहा कि स्टाम्प ड्यूटी से 970.94 करोड़ का सेस प्राप्त हुआ तो मदिरा पर भार से 1205 करोड़ का सेस प्राप्त हुआ है. इस पर विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि गौशाला विकास पर महज 5 करोड़ ही खर्च हुए और बायो गैस सहभागिता योजना में महज 20 लाख रुपए खर्च हुए. जबकि प्रदेश में 1.39 लाख गोवंश हैं. उसमें से महज 10 लाख को लाभांवित कर रहे हैं.

इस पर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि उठाए गए प्रश्न का इस प्रश्न से कोई ताल्लुक नहीं है. उन्होंने कहा कि गौशाला विकास कार्यों पर 5 करोड़ रुपए ही इसलिए खर्च हुआ क्योंकि दूसरा कोई प्रस्ताव ही नहीं आया. इस जवाब पर संयम लोढ़ा नाराज हुए. लेकिन स्पीकर ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी कहा कि जिस तरह का प्रश्न है और जिस तरह का उत्तर है, उससे कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा है.

कटारिया ने शांति धारीवाल को लेकर कहा कि इन्होंने बहुत चतुराई से आंकड़ों में फंसा दिया है. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने भी कहा कि इस सवाल को दूसरे तरीके से विपक्ष लेकर आए. इस पर चर्चा करवा ली जाएगी. वहीं बैठे-बैठे शांति धारीवाल ने व्यंग करते हुए कहा कि 2018 में आपने मदिरा पर 20 प्रतिशत सेस लगाया, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.

एक ही समयकाल में अलग अलग कीमत पर क्यों खरीदी गई बिजलीः प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश में बिजली की खरीद से जुड़ा सवाल उठा. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के सवाल पर मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि 16 से 20 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने की बात पूरी तरह सही नहीं है. बिजली समस्या होने पर कुछ समय के लिए ही बिजली खरीद की गई थी. इस पर राजेन्द्र राठौड़ ने पूछा कि बिजली होने के बावजूद अगस्त में महंगी बिजली क्यों खरीदी ?.

इस पर मंत्री भाटी ने कहा कि अगस्त माह में कोयला खदानों में पानी भरने से हुई समस्या के कारण पूरे देश में कोयले की कमी हो गई. उस दौरान ओपन एक्सचेंज में यह बिजली खरीदी गई. वहीं, राठौड़ ने कहा कि 13,097 करोड़ की बिजली खरीदी है, यह बड़ा स्कैंडल है. इस पर आधे घंटे की चर्चा करवाई जाए. इस पर मंत्री भाटी ने कहा कि किसानों को और आम लोगों को पूरी बिजली दे सकें. इस सोच के साथ हमने काम किया है.

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इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि एक ही महीने में तीन अलग-अलग कंपनियों से तीन अलग-अलग रेट पर बिजली क्यों खरीदी गई?. इस पर भी मंत्री भाटी ने वही तर्क देते हुए कहा कि उस समय की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमने यह निर्णय लिया था. इस सवाल के जवाब से विपक्ष के असंतुष्ट होने पर स्पीकर ने इस सवाल को भी अलग तरीके से लगाने और इस पर चर्चा करवाने की बात कही.

ये तो चमत्कार है कि 1.10 करोड़ में से 1 करोड़ से ज्यादा पौधे जीवितः विधानसभा में पिंडवाड़ा आबू विधानसभा क्षेत्र में लगाए गए पौधों से जुड़ा सवाल लगा. इस पर वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि पौधे लगाने के बाद ही उसकी जांच होती है. उसके बाद ही बताया जाता है कि कितने पौधे लगाए गए और कितने जीवित हैं. अगर आप संतुष्ट नहीं है ,तो आप लिखित में दे दीजिए उसकी जांच करवा लेंगे.

इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह तो चमत्कार हो गया की 1.10 करोड़ पौधे लगाए गए. इनमें से 1 करोड़ से ज्यादा पौधे जीवित हैं. आप इसकी जांच करवा लीजिए. अधिकारी बैठे-बैठे ही जवाब बनाकर तैयार कर रहे हैं. इस पर मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहाअगर कोई गलती करेगा तो सजा भुगतेगा. विधानसभा में प्रश्नकाल में श्रीडूंगरगढ़ शहर में गंदे पानी की निकासी से जुड़ा सवाल लगा. इस पर मंत्री शांति धारीवाल ने जवाब देते हुए कहा कि पानी जमा होने की समस्या है. नगर पालिका की ओर से अब तक करीब 49.30 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. इसमें अनियमितता और गबन की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई.

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इस पर विधायक गिरधारी लाल माहिया ने कहा कि तीन जनरेटर लगे हुए हैं तो पानी क्यों नहीं छोड़ा गया?. इस पर मंत्री धारीवाल ने कहा, अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली. इस पर विधायक ने कहा शिकायत नहीं होती तो विधानसभा में सवाल नहीं उठाता. इस पर धारीवाल ने जांच करवा करवाने की बात कही.

वहीं विधानसभा में प्रश्नकाल में बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की ओर से बीजों की खरीद से जुड़े सवाल पर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने जवाब देते हुए कहा कि अनियमितता की कोई शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि अगर आप शिकायत करेंगे तो इसकी जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी. इसी प्रकार कोटा में सड़कों से जुड़े सवाल पर विधायक संदीप शर्मा ने कहा की सड़कें खुदी हुई हैं. को-आर्डिनेशन कमेटी की कोई बैठक हुई क्या ?.

इस पर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा की आपने पुरानी जानकारी रख दी कि सड़कें खुदी हुई है. अपने घर से बिड़ला हाउस से आगे जाकर भी शहर को देखें तो पता चल जाएगा कि क्या-क्या काम चल रहे हैं.

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