जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को गौ-सेस से जुड़े सवाल पर मंत्री शांति धारीवाल के जवाब से विधायक संयम लोढ़ा संतुष्ट नहीं हुए. वहीं, इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी सवाल खड़े किए तो स्पीकर सीपी जोशी ने (Speaker CP Joshi in Assembly Session) इस सवाल को दूसरे तरीके से लगाने के लिए कहा.
इसी प्रकार बिजली कंपनियों के एक ही महीने में अलग-अलग कीमतों पर बिजली खरीद से जुड़े (Discussion on Power Purchase in Rajasthan Assembly) सवाल के जवाब से भी विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने सवाल को भी दूसरे तरीके से लाने और इस पर चर्चा करवाने की बात कही.
दरअसल, हुआ यह कि गौ-सेस से जुड़े सवाल के जवाब में धारीवाल ने कहा कि स्टाम्प ड्यूटी से 970.94 करोड़ का सेस प्राप्त हुआ तो मदिरा पर भार से 1205 करोड़ का सेस प्राप्त हुआ है. इस पर विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि गौशाला विकास पर महज 5 करोड़ ही खर्च हुए और बायो गैस सहभागिता योजना में महज 20 लाख रुपए खर्च हुए. जबकि प्रदेश में 1.39 लाख गोवंश हैं. उसमें से महज 10 लाख को लाभांवित कर रहे हैं.
इस पर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि उठाए गए प्रश्न का इस प्रश्न से कोई ताल्लुक नहीं है. उन्होंने कहा कि गौशाला विकास कार्यों पर 5 करोड़ रुपए ही इसलिए खर्च हुआ क्योंकि दूसरा कोई प्रस्ताव ही नहीं आया. इस जवाब पर संयम लोढ़ा नाराज हुए. लेकिन स्पीकर ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी कहा कि जिस तरह का प्रश्न है और जिस तरह का उत्तर है, उससे कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा है.
कटारिया ने शांति धारीवाल को लेकर कहा कि इन्होंने बहुत चतुराई से आंकड़ों में फंसा दिया है. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने भी कहा कि इस सवाल को दूसरे तरीके से विपक्ष लेकर आए. इस पर चर्चा करवा ली जाएगी. वहीं बैठे-बैठे शांति धारीवाल ने व्यंग करते हुए कहा कि 2018 में आपने मदिरा पर 20 प्रतिशत सेस लगाया, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.
एक ही समयकाल में अलग अलग कीमत पर क्यों खरीदी गई बिजलीः प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश में बिजली की खरीद से जुड़ा सवाल उठा. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के सवाल पर मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि 16 से 20 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने की बात पूरी तरह सही नहीं है. बिजली समस्या होने पर कुछ समय के लिए ही बिजली खरीद की गई थी. इस पर राजेन्द्र राठौड़ ने पूछा कि बिजली होने के बावजूद अगस्त में महंगी बिजली क्यों खरीदी ?.
इस पर मंत्री भाटी ने कहा कि अगस्त माह में कोयला खदानों में पानी भरने से हुई समस्या के कारण पूरे देश में कोयले की कमी हो गई. उस दौरान ओपन एक्सचेंज में यह बिजली खरीदी गई. वहीं, राठौड़ ने कहा कि 13,097 करोड़ की बिजली खरीदी है, यह बड़ा स्कैंडल है. इस पर आधे घंटे की चर्चा करवाई जाए. इस पर मंत्री भाटी ने कहा कि किसानों को और आम लोगों को पूरी बिजली दे सकें. इस सोच के साथ हमने काम किया है.