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JLF 2020: लिट्रेचर डाइवर्सिटी पर चर्चा, 'क्लोज टू द बोन' सेशन का आयोजन

जयपुर में चल रहे जेएलएफ में शुक्रवार को 'बिनिंग वॉरियर्स ऑन लिटरेरी डायवर्सिटी' पर चर्चा की गई. साथ ही 'क्लोज टू द बोन' सेशन भी आयोजित हुआ, जिसमें एक्ट्रेस लिजा रे बुक पर चर्चा की गई.

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जेएलएफ में लिट्रेचर डाइवर्सिटी पर चर्चा

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Published : Jan 25, 2020, 4:12 AM IST

जयपुर. जेएलएफ में मुगल टेंट में 'बिनिंग वॉरियर्स ऑन लिटरेरी डायवर्सिटी'पर चर्चा हुई.साथ ही शुक्रवार को जेएलएफ में 'क्लोज टू द बोन' सेशन का भी आयोजन किया गया. जिसमें संजोय रॉय के साथ बॉलीवुड और कैनेडियन एक्ट्रेस लिजा रे ने अपनी बुक पर भी चर्चा की.

जेएलएफ में लिट्रेचर डाइवर्सिटी पर चर्चा

बिनिंग वॉरियर्स ऑन लिटरेरी डायवर्सिटी सेशन में वक्ताओं ने सांस्कृतिक विविधता पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विविधता, यानी डायवर्सिटी से आशय यह है कि जो आपसे अलग है, उसे समझने के लिए एक दूसरे के बीच संवाद जरूरी होना चाहिए, तभी जाकर उसकी भावनाओं को समझा जा सकता है. क्योंकि संवाद ही लोगों को एक दूसरे से जोड़ता है.

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मॉडरेटर उर्वशी बुटालिया ने सनी सिंह, रोहना गोंसाल्वेस, ऐनी जैदी, हंसदा सोवेन्द्रा शेखर ने मिलकर डायवर्सिटी पर अपने विचार व्यक्त किये. इस मौके पर वक्ताओं ने चिंता जताई कि एक दलित को आगे बढ़ने के लिए अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

हंसदा सौवेंद्र शेखर ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए मौकों का फायदा जरूर उठाना चाहिए. इलाहाबाद की ऐनी जैदी ने कहा कि, जहां तक साहित्य में डाइवर्सिटी की बात है तो आजकल ऐसा होने लगा कि, किसी दूसरे की कहानी को अपना बनाया जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. क्योंकि कहानी सुनाने वालों को सच्चाई बतानी चाहिए. इसी तरह घोषाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

'क्लोज टू द बोन' सेशन

वहीं 'क्लोज टू द बोन' सेशन में संजोय रॉय के साथ लीजा ने अपनी बुक पर चर्चा करते हुए लाइफ से जुड़े पर्सनल और प्रोफेशनल पहलू शेयर किए. उन्होंने कहा कि आपको सिर्फ आप खुद ही डिफाइन कर सकते हैं, कोई और आपको कैसे डिफाइन कर सकता है. आपकी स्ट्रेंथ आपके अंदर है किसी ओर से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है.

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साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने सक्सेस की हाइट और अपनी लाइफ का डारकेस्ट फेज दोनों देखे हैं. 16 साल की उम्र में मैंने पैसा, शोहरत, अटेंशन सभी पा लिया था. लोगों को अक्सर लगता है कि पैसा, प्रसिद्धि ही सब कुछ है लेकिन, मैं उस वक्त सबसे अकेली थी जब मैं अपने करियर की ऊंचाइयों पर थी.

अपने सबसे बड़े हिलर कैंसर को मात देने की स्टोरी शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि मल्टीपल माइलोमा कैंसर होने के बाद जब डॉक्टर ने मुझे बताया तो मेरा नॉरमल रिएक्शन था, क्योंकि मुझे इस बीमारी के बारे में पता ही नहीं था. उस वक्त डॉक्टर मुझसे ज्यादा नर्वस थे. उन्होंने कहा कि इस दुनिया में आप खुद ही अपने सबसे बड़े हीलर है. अपने आप को स्पेस दे की दिशा में काम करें.

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