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संविधान की रक्षा किसी व्यक्ति विशेष और किसी दल का कार्य नहीं, यह पूरे देश की जनता का कार्य हैः सचिन पायलट - Special assembly session

भारतीय संविधान और संविधान के मूल कर्तव्य पर चर्चा के लिए आहूत किए गए विधानसभा के विशेष सत्र में चर्चा के दौरान उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि संविधान की रक्षा किसी व्यक्ति विशेष और किसी दल का कार्य नहीं, यह पूरे देश की जनता का कार्य है. पायलट ने बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर की ओर से गोडसे को देशभक्त कहने पर आपत्ति जताई और कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ आवाज उठाना ही लोकतंत्र की खूबसूरती है, चाहे वह किसी भी दल के हो.

राजस्थान विधानसभा में संविधान पर चर्चा, Discussion on constitution in Rajasthan Legislative Assembly
संविधान की रक्षा किसी व्यक्ति विशेष और किसी दल का कार्य नहींः सचिन पायलट

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Published : Nov 28, 2019, 5:33 PM IST

जयपुर. भारतीय संविधान और संविधान के मूल कर्तव्य पर चर्चा के लिए आहूत किए गए विधानसभा के विशेष सत्र में चर्चा के दौरान उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि संविधान की रक्षा किसी व्यक्ति विशेष और किसी दल का कार्य नहीं, यह पूरे देश की जनता का कार्य है. पायलट ने कहा कि समय-समय पर संविधान में 100 से अधिक संशोधन हुए और उन संशोधन के माध्यम से संविधान को और अधिक मजबूती देने का कार्य किया गया.

संविधान की रक्षा किसी व्यक्ति विशेष और किसी दल का कार्य नहींः सचिन पायलट

पायलट ने कहा कि 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायतों और 74 वें संविधान संशोधन के माध्यम से नगरीय निकाय में लोगों को अधिकार मिले. पायलट ने बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर की ओर से गोडसे को देशभक्त कहने पर आपत्ति जताई और कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ आवाज उठाना ही लोकतंत्र की खूबसूरती है, चाहे वह किसी भी दल के हो.

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पायलट ने कहा कि किसी पार्टी ने चाहे पहले अंबेडकर को सम्मान नहीं दिया हो, लेकिन आज मजबूरन उनको याद कर रही है. उन्होंने कहा कि आज इस सदन में और सदन के बाहर भी देशवासियों को संकल्प लेना चाहिए कि संविधान से छेड़छाड़ करने वालों को कभी आगे आने नहीं दिया जाएगा. पायलट ने कहा कि गांधी के चश्मे को नहीं उनकी विचारों को जीवन में उतारने की आवश्यकता है.

इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र की घटना का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद दिया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से भविष्य में कोई ऐसा दुस्साहस नहीं करेगा. वहीं, पायलट ने राजेंद्र राठौड़ की ओर से चीन की आर्थिक नीतियों को लेकर दिए गए बयान की निंदा की और कहा कि चीन में बड़ी-बड़ी इमारतें और चकाचौंध हो सकती है, लेकिन भारत से चीन की तुलना करना शोभा नहीं देता. आज हमारे देश में जो विनम्रता का वातावरण है वह चीन में नहीं.

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पायलट ने कहा कि जो एकता, अखंडता और विनम्रता का वातावरण हमारे देश में निर्मित हुआ है, वह किसी दूसरे देश में नहीं. इसलिए वहां के नीतियों की भारत से तुलना करना ठीक नहीं. पायलट ने कहा कि इस देश में संविधान और आरक्षण से कभी छेड़छाड़ नहीं हो सकती. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रवाद को लेकर भी बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा.

पायलट ने कहा कि आज देश में गरीब, पिछड़े और महिलाओं का रक्षा करना ही राष्ट्रवाद है. राष्ट्रवाद का किसी पार्टी के दफ्तर में सर्टिफिकेट नहीं मिलता. वहीं, सचिन पायलट ने इस दौरान महाराष्ट्र में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बता दिया है कि अगर कोई गलत करेगा तो उसके खिलाफ क्या निर्णय आ सकता है.

वहीं, जब पायलट बोलना शुरू कर रहे थे तो उस समय उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की तरफ देखते हुए कहा कि आज शांति धारीवाल के बोलने से विपक्ष केवल एक बार ही खड़ा हुआ, नहीं तो शांति धारीवाल में वह ताकत है कि 5 मिनट में ही वह पूरे विपक्ष को खड़ा कर दे.

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