जयपुर.आर्थिक और सांख्यिकी निदेशालय ने जन्म-मृत्यु और विवाह पंजीकरण के लिए जन आधार कार्ड को अनिवार्य कर (Janadhar mandatory for birth death and marriage registration) दिया है. ताकि भविष्य में जन आधार में नाम जुड़वाने और हटवाने के लिए अलग से आवेदन नहीं करना पड़े. इस प्रक्रिया से आमजन को सरकारी सुविधाओं का सीधा लाभ भी मिल सकेगा. प्रदेश में जन्म-मृत्यु और विवाह पंजीयन की जिम्मेदारी नगरीय निकायों को सौंप रखी है. लेकिन निकायों में अभी जनाधार को लिंक करने की ऑनलाइन अनिवार्य नहीं हुआ है. हालांकि आर्थिक और सांख्यिकी निदेशालय से निर्देश मिलने के बाद निकाय स्तर पर जन आधार कार्ड लिया जरूर जा रहा है, जिनके पास जनाधार कार्ड नहीं है, उनसे बनवाने की अपील की जा रही है.
मुख्यमंत्री बजट घोषणा की अनुपालन में राज्य सरकार ने जन्म-मृत्यु और विवाह पंजीयन के लिए जनाधार कार्ड की अनिवार्यता की है. ऐसे में अब पंजीकरण के लिए आवेदन करने पर जन्म के समय माता-पिता, मृत्यु होने पर मृतक, विवाह पंजीयन के लिए वर-वधू का जनाधार कार्ड आवश्यक होगा. जन्म का प्रमाण-पत्र लेने के लिए आवेदन के समय बच्चे के परिवार का जनाधार, जनाधार नामांकन रसीद संख्या ली जाएगी. मृत्यु का प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन के समय मृतक के परिवार का जनाधार , जनाधार नामांकन रसीद संख्या लिया जाएगा. इसी तरह विवाह प्रमाण पत्र लेने के लिए वर और वधु के परिवार का जनाधार , जनाधार नामांकन रसीद संख्या लिया जायेगा.
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निदेशालय ने परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि जनाधार की अनिवार्यता केवल राजस्थान राज्य के मूल निवासी पर ही लागू होगी. जनाधार उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में आवश्यक रूप से जनाधार नामांकन रसीद संख्या ली जाएगी.जानकारी के अनुसार जन्म-मृत्यु और विवाह पंजीयन के समय जनाधार कार्ड अनिवार्य करने से आमजन को भविष्य में जनाधार कार्ड में नाम जुड़वाने एवं हटवाने के लिए विभिन्न सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. पंजीकरण के साथ ही नाम स्वतः ही हट जाएगा और जुड़ जाएगा. ऐसे में आमजन को राहत मिलेगी.
बता दें कि राजस्थान जन आधार कार्ड ने भामाशाह कार्ड की जगह ली है. वहीं उस कार्ड में मिलने वाले सभी लाभ अब इस कार्ड के जरिए मिलेंगे. इसमें सभी व्यक्तिगत योजनाओं का फायदा, खाद्य सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना सहित सरकार की 56 योजनाओं का फायदा पहुंचेगा. ऐसे में जन आधार कार्ड राजस्थान में आम जनता के लिए बहुत उपयोगी दस्तावेज हो गया है.
आधार कार्ड और जन आधार कार्ड में अंतर: आधार कार्ड भारत सरकार की ओर से भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला पहचान पत्र है. आधार कार्ड भारत में कहीं भी व्यक्ति की पहचान और पते का प्रमाण होगा. कोई भी व्यक्ति आधार के लिए नामांकन करवा सकता है, बशर्ते वो भारत का निवासी हो और यूआईडीएआई की ओर से निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करता हो, चाहे उसकी उम्र और लिंग कुछ भी हो. आधार कार्ड के लिए प्रत्येक व्यक्ति केवल एक बार नामांकन करवा सकता है. आधार कार्ड महज एक पहचान पत्र है. ये नागरिकता का प्रमाणपत्र नहीं है और न ही इससे किसी तरह की योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है.
जबकि जन आधार कार्ड एक योजना है. इसका मुख्य उद्देश्य राजस्थान राज्य के निवासियों और परिवारों की सामाजिक-आर्थिक सूचनाओं का डेटाबेस तैयार किया जाना है. ताकि परिवार के सदस्यों की पहचान और पता दस्तावेज के रूप में मान्यता मिल सकें और भविष्य में विभिन्न प्रकार की जन कल्याण की योजनाओं के लाभ/सेवाओं को इस कार्ड के आधार पर हस्तांतरित किया जा सके. जैसे चिरंजीवी योजना खाद्य सुरक्षा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, बेरोजगारी भत्ता, हिताधिकारी की सामान्य मृत्यु या फिर घायल होने की दशा में सहायता योजना, मुख्यमंत्री संबल विधवा योजना, मुख्यमंत्री हायर एजुकेशन स्कॉलरशिप स्कीम, देवनारायण गर्ल स्टूडेंट स्कूटी वितरण योजना का लाभ मिल सकता है.