जयपुर. आरटीडीसी के नवनियुक्त चेयरमैन ने कहा कि RTDC का खोया हुआ वैभव लौटाने के लिए प्राथमिकता के साथ काम करूंगा. धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की अपनी विशेषता है, राजस्थान का अपना एक महत्व है, अपना एक इतिहास है. राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड यानी आरटीडीसी पिछले 40 साल से राजस्थान के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहा है. इस काम को किस तरह से और आगे बढ़ाया जाए, इसके लिए सब मिल कर काम करेंगे.
राठौड़ ने कहा कि यह बात सही है कि आरटीडीसी का 40 साल का जो जीवन है, उसमें इसका इतिहास (Dharmendra Singh Rathod on Rajasthan Tourism) बहुत शानदार है. आज आरटीडीसी के होटल, मिडवे पर्यटकों को बेहतर सेवा दे रहें हैं. इन्हें और बेहतर कैसे किया जाए, इस पर काम करेंगे.
सितम्बर से शुरू होगी शाही रेल : राठौड़ ने कहा कि शाही रेल में रुकने और खाना खाने का बहुत ही ज्यादा चार्म है. पर्यटकों में आज भी शाही रेलगाड़ी जिसका नाम पैलेस ऑन व्हील्स है, दुनिया की प्रमुख ट्रेनों में से एक ट्रेन में शुमार है. कोरोना की वजह से इसे बंद किया गया था, लेकिन सितम्बर में फिर से शाही रेल प्रारंभ होगी, उसकी 50 फीसदी एडवांस बुकिंग हो चुकी है. कोरोना से पहले तो शाही रेल की बुकिंग एक साल पहले हो जाती थी, इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इंडिया और इंडिया से बाहर शाही रेल का कितना महत्व था.
आरटीडीसी का अपना महत्व : राठौड़ ने कहा कि जयपुर में होटल गणगौर का, होटल तीज का, सवाई माधोपुर में डूंगर बावड़ी का, पुष्कर में पुष्कर सरोवर का, माउंट आबू में शिखर का और जोधपुर-कोटा में जो भी आरटीडीसी की होटल हैं, उनमें पर्यटकों के लिए अलग तरह की व्यवस्था रही है और उनका अपने आप मे गौरवमई इतिहास रहा है. इसे कैसे और बेहतर किया जा सकता हैं, इस पर सबके सुझाव के साथ काम करेंगे. राठौड़ ने कहा कि यह सही है कि जो होटल बंद हो गए हैं, उनको रिवाइवल कैसे करें, हमारे सामने बड़ी चुनौती है और उसपर काम करेंगे.