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DGP ने 40% स्टाफ को बैरक में रहने के आदेश दिये...इसके बाद जयपुर पुलिस ने शुरू की पुलिस कर्मियों की छंटनी - Unmarried policeman barrack order

हाल ही में डीजीपी एमएल लाठर ने एक आदेश जारी करते हुए 40% पुलिस स्टाफ को पुलिस लाइन में बने बैरक में रहने के निर्देश दिए. डीजीपी के आदेश जारी करने के बाद अब जयपुर पुलिस भी आदेशों की जल्द से जल्द पालना कराने में जुट गई है.

Rajasthan DGP ML Leather Barrack Order
जयपुर पुलिस छंटनी

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Published : May 30, 2021, 8:10 PM IST

जयपुर. जयपुर पुलिस ऐसे पुलिसकर्मियों की छंटनी कर रही है जो अविवाहित हैं और पुलिस लाइन में बने बैरक में न रह कर किराए के मकान में रह रहे हैं. इसके लिए बकायदा चारों जिलों के डीसीपी और जयपुर ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी को आला अधिकारियों की ओर से निर्देश जारी कर जल्द से जल्द अविवाहित पुलिसकर्मियों की जानकारी डीसीपी हेडक्वार्टर को देने के लिए कहा गया है.

डीजीपी के आदेश के बाद जयपुर पुलिस छंटनी

डीसीपी हेडक्वार्टर डॉ.अमृता दुहन ने बताया की डीजीपी एमएल लाठर की ओर से जारी किए गए आदेश के बाद अविवाहित पुलिसकर्मियों की छंटनी की जा रही है. छंटनी किए जाने के बाद इन पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन में बनी बैरक में रहने के निर्देश दिए जाएंगे. इसके साथ ही यदि अविवाहित पुलिसकर्मियों की संख्या कम पाई जाती है और डीजीपी ने जो आदेश दिया है कि 40% पुलिस स्टाफ बैरक में रहें, यदि उसकी पालना नहीं हो पाती है तो ऐसी स्थिति में विवाहित पुलिसकर्मियों को भी रोटेशन के आधार पर बैरक में रहने के निर्देश दिए जाएंगे.

इस आदेश की पालना के पीछे का मुख्य उद्देश्य बैरक में हमेशा 40% पुलिस कर्मियों की उपस्थिति का होना है. ताकि किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में तुरंत पुलिस फोर्स उपलब्ध हो सके और स्थिति पर काबू पाया जा सके. इसके साथ ही ऐसे पुलिसकर्मी जो अविवाहित हैं और बैरक में न रहकर अपने परिवार के साथ मकान में रहना चाहते हैं या फिर किराए के मकान में रहना चाहते हैं तो उन्हें आला अधिकारियों से विशेष अनुमति लेनी होगी. इसके साथ ही स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर भी पुलिस कर्मियों को विशेष परिस्थितियों में बाहर रहने की अनुमति प्रदान की जाएगी.

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डीजीपी ने यह दिया आदेश

डीजीपी एमएल लाठर की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं कि प्रत्येक जिले में पुलिस लाइन में हमेशा बैरक में 40% पुलिस कर्मियों की उपस्थिति रहे. ताकि किसी भी तरह की इमरजेंसी होने पर तुरंत पुलिस फोर्स उपलब्ध हो सके. वर्तमान में यह देखा जाता है कि जब कहीं इमरजेंसी की स्थिति उत्पन्न होती है तो बैरक में पुलिस फोर्स ही नहीं होती है और ऐसे में पुलिस कर्मियों को बुलाने में काफी समय लग जाता है. पुलिस का रिस्पांस टाइम कम करने के उद्देश्य के साथ बैरक में 40% पुलिसकर्मियों को रहने के आदेश जारी किए गए हैं.

नए जवानों की ड्यूटी अनुभवी पुलिसकर्मियों के साथ

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते पुलिस प्रशासन की ओर से कोरोना प्रोटोकॉल और लोकडाउन की पालना करवाई जा रही है. जयपुर शहर में जगह जगह पर पुलिस की नाकेबंदी की जा रही है. नाकाबंदी प्वाइंट्स पर प्रत्येक वाहन को चेक किया जा रहा है. नाकाबंदी पॉइंट्स पर थाना पुलिस के साथ पुलिस लाइन से भी जाप्ता लगाया गया है. पुलिस लाइन से ड्यूटी कर रहे पुलिस जवानों को फील्ड का अनुभव नहीं होने से नाकाबंदी के दौरान कई बार लोगों से बहस भी हो जाती है. इस तरह के अनुभवहीन पुलिस जवानों को अनुभव वाले पुलिसकर्मियों के साथ ड्यूटी करवाई जा रही है. डीसीपी हेडक्वार्टर अमृता दुहन ने बताया कि पुलिस लाइन से जो जाब्ता लगाया जाता है, उनका अकेले कहीं पर भी डेप्लॉयमेंट नहीं होता है. पुलिस थाने के स्टाफ के साथ ही लाइन के स्टाफ को मिलाकर ड्यूटी पर लगाया जाता है. कहीं पर भी ऐसा नहीं होता जहां केवल नए जवानों को लगाया जाए. सीनियर पुलिसकर्मी या ऐसे पुलिसकर्मी जिनको फील्ड में काफी समय का अनुभव हो चुका है, या अधिकारियों के साथ ही नए पुलिस जवानों को ड्यूटी पर लगाया जाता है. कहीं पर भी अगर नए पुलिस जवानों के व्यवहार को लेकर दिक्कत आ रही है, तो उसकी अच्छी तरह ब्रीफिंग की जाएगी.

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