जयपुर.विधायक वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में नगर निगम अजमेर के किरायेदार 822 दुकानदारों को उनकी दुकाने 99 साल की लीज पर आंवटित किये जाने का मामला उठाया. देवनानी ने कहा कि विभाजन के समय अजमेर आए शरणार्थियों को उनके बच्चों के पालन-पोषण के मद्देनजर रोजगार देने के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर जगह आंवटित की गई. जहां उन्होंने छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू किया. इनमें अधिकांश सिन्धी और सिक्ख समुदाय के लोग थे जिन्हें विभाजन के समय अपनी चल-अचल सम्पति पाकिस्तान में छोड़ कर आनी पड़ी थी.
उन्होंने कहा कि ऐसे 822 दुकानदारों को वर्ष 1965 से 72 के बीच पक्की दुकाने बनाकर नगर निगम और सरकार द्वारा दी गई. साथ ही इनसे किरायेदार के रूप में किराया वसूला जाने लगा. फिर अचानक दिनांक 4 अक्टूबर 2017 से नगर निगम द्वारा दुकानदारों से किराया लेना बन्द कर दिया.
देवनानी ने कहा कि पिछली राज्य सरकार ने इन दुकानदारों को राहत प्रदान करने के लिए एक आदेश दिनांक 10 मई 2017 को जारी किया जिसके अनुसार 40 वर्ग मीटर तक की सम्पति का 30 वर्ष की लीज नवीनीकरण किया जाना था.
इसके बाद सरकार ने एक अन्य आदेश दिनांक 5 अक्टूबर 2018 को जारी किया जिसके अनुसार पूर्व आदेश को प्रत्याहरित करते हुए दुकानों को 99 वर्ष की लीज पर दिये जाने के आदेश दिये. स्वायत्त शासन विभाग के उक्त आदेश की पालना में नगर निगम को 31 दिसम्बर 2018 तक सभी दुकानदारों को 99 वर्ष की लीज प्रदान करने की कार्यवाही पूरी करनी थी. लेकिन विधान सभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी होने से कार्यवाही नहीं हो सकी.
822 दुकानों को 99 वर्ष की लीज का मामला देवनानी ने उठाया विधान सभा में