राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

कोरोना से जंग में जीत के लिए पूर्व चिकित्सा मंत्री ने दिए कई सुझाव, लेकिन साथ ही कर दिया ये बड़ा कटाक्ष.... - जयपुर न्यूज

प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर भाजपा ने सरकार के प्रयास पर कई सवाल उठाएं हैं. इसी क्रम में पूर्व चिकित्सा मंत्री के नाते प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने सरकार को कुछ अहम सुझाव दिए हैं. साथ ही उन्होंने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर स्क्रीनिंग को लेकर घेरा.

Covid epidemic in Rajasthan, जयपुर न्यूज
राजेंद्र राठौड़ का Exclusive interview

By

Published : May 14, 2020, 5:18 PM IST

जयपुर. देश और प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमित लोगों के आंकड़े बढ़ रहे हैं. इस महामारी से जल्द निजात मिल पाना भी मुश्किल ही है. ऐसे में सरकारी स्तर पर हो रहे प्रयासों में जहां कुछ कमी है, उसमें सुधार करना होगा. राजेंद्र राठौड़ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान सरकार की कमियां गिनाते हुए कई सुझाव भी दिए. राठौड़ ने कहा कि कोरोना के साथ ही जीना अपने जीवन प्रणाली में जोड़ना होगा. इसके लिए सरकार को कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

राजेंद्र राठौड़ का Exclusive interview

उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के अनुसार जहां भी कोरोना पॉजिटिव संक्रमित मरीज मिले, सरकार को चाहिए उसके आसपास और संपर्क में आए लोगों की बार-बार स्क्रीनिंग करें. केवल एक बार आधी अधूरी स्क्रीनिंग से बीमारी की जड़ नहीं पकड़ में आती. ऐसा पिछले दिनों तबलीगी जमात से जुड़े मामले में देखा गया है. ऐसे में स्क्रीनिंग को बढ़ाना चाहिए.

जांच रिपोर्ट की पेंडेंसी कम होना चाहिए

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पूर्व चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि वर्तमान में सरकार 10 हजार से ज्यादा जांच प्रतिदिन करने का दावा कर रही है लेकिन जिस प्रकार सैंपल लिए जाते हैं और उनकी जांच रिपोर्ट 5 से 7 दिन तक नहीं आती है. यह चिंता का विषय है. इस समय अवधि के दौरान संक्रमण कई गुना ज्यादा तेजी से फैलने की संभावना रहती है. ऐसे में सरकार को जांच रिपोर्ट की पेंडेंसी दूर करना चाहिए.

राजेंद्र राठौड़ ने सरकार को कई सुझाव दिए

क्वॉरेंटाइन और होम आइसोलेशन में करें ये सुधार..

पूर्व चिकित्सा मंत्री ने कहा कि आइसोलेशन और संस्थानों में किए जा रहे क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था में सुधार करना चाहिए. राठौड़ के अनुसार होम आइसोलेशन की अनुमति उसी स्थिति में दें, जब संबंधित मरीज के पास खुद को अलग रखने और आवास में की सुविधा हो. वहीं उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में या ऐसे भवनों में जहां शौचालयों की व्यवस्था समुचित ना हो, गर्मी से बचने के इंतजाम ना हो, वहां यदि लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया तो नतीजन वो घरों से निकलकर भागेंगे. ऐसे में सरकार को इन चीजों में भी सुधार करना चाहिए.

यह भी पढ़ें.मुख्य सचेतक महेश जोशी ने रखी सरकार से नए म्युनिसिपल लॉ बनाने की मांग

भय का वातावरण दूर करें, जिससे उपचार के लिए खुद आगे आए लोग

राजेंद्र राठौड़ के अनुसार अब जीवनशैली को इस तरह ढालना होगा, जिससे कोरोना के साथ लड़कर जीवन बिता सकें. इसके लिए जरूरी है कि लोगों में कोरोना को लेकर व्याप्त हो और डर का वातावरण दूर किया जाए. जिससे बीमारी को लेकर हल्के से लक्षण भी सामने आए तो लोग खुद जांच कराने के लिए अस्पताल पहुंचे और बिना डरे जांच कराएं. जिसके बाद वापस रिकवर होकर घर आए. राठौड़ के अनुसार राजस्थान में रिकवरी रेट अन्य प्रदेशों की तुलना में ज्यादा है. यहां लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक है. ऐसे में बस उनमें व्याप्त भय को दूर करना होगा.

आयुष्मान का नाम बदला लेकिन लोगों को नहीं मिल रही राहत

राजेंद्र राठौड़ के अनुसार पिछली सरकार के समय शुरू हुई भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना बंद कर दी गई. साथ ही केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का नाम बदलकर उसे लागू किया गया लेकिन आज उसकी हालत काफी खराब है. प्रदेश में 1,105 निजी अस्पताल योजना से अपना नाता तोड़ चुके हैं और कई चिकित्सालय के क्लेम भी अटके हुए हैं.

यह भी पढ़ें.भरतपुरः मेडिकल कॉलेज में 10 करोड़ के फंड से होगी उपकरणों की खरीद, चिकित्सा सुविधाओं में होगा विस्तार

ऐसे में सरकार को ध्यान देना चाहिए क्योंकि कोरोना संकट के समय आज सबसे ज्यादा प्रभावित यदि कोई है तो कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से ग्रसित लोग हैं. वो ज्यादा प्रभावित हैं क्योंकि उन्हें निजी अस्पतालों में सुविधा मिल नहीं पा रही है. वहीं सरकारी अस्पतालों की हालत खराब है.

चिकित्सा मंत्री पर भी कटाक्ष

पूर्व चिकित्सा मंत्री ने मौजूदा संकट के समय सरकार को सुझाव तो दिए लेकिन इस दौरान प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के बयान पर कटाक्ष करना भी नहीं भूले. राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि मंत्री जी कहते हैं कि प्रदेश में 9 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करा ली गई है, जबकि प्रदेश की आबादी 7 करोड़ 40 लाख के करीब है.

ऐसे में कहीं भूल से हमारी मेडिकल टीमें प्रदेश की सीमाओं से लगती पंजाब-हरियाणा मध्य प्रदेश के जिलों में तो जाकर तो स्क्रीनिंग नहीं कर आई. राठौड़ के अनुसार वे केवल सरकार को सुझाव देते हैं, लेकिन चिकित्सा मंत्री उस पर भी नाराज हो जाते हैं, जबकि संकट के समय में मिलजुल कर ही इस आपदा से निपटा जा सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details