जयपुर. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई नवजातों की मौत के मामले में चिकित्सा मंत्री से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है. राठौड़ ने 9 नवजातों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए इसे चिकित्सा विभाग की घोर लापरवाही बताया और राज्य सरकार से नवजात शिशुओं की असमय मृत्यु होने के मामले की उच्चस्तरीय जांच करने, लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की भी मांग की है.
कोटा के जेके लोन अस्पताल में बीते वर्ष 35 दिनों में 110 नवजात शिशु अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से काल के ग्रास बन गए थे. इससे कई माताओं की कोख उजड़ गई थी. इसी वर्ष 2020 में अब तक 917 बच्चे इस अस्पताल में दम तोड़ चुके हैं. ऐसे में पूर्व चिकित्सा मंत्री और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाया है कि चिकित्सा विभाग का नियंत्रण अकर्मण्य लोगों के हाथों में है, जिन्हें गरीब परिवार के बच्चों की असमय मौत से कोई लेना देना नहीं है. राठौड़ ने कहा कि 8 घंटे में 9 नवजात शिशुओं की मौत होना चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही और कुप्रबंधन का ही नतीजा है.
राठौड़ ने कहा कि बावजूद इसके विभागीय मंत्री रघु शर्मा और अस्पताल प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए, डॉक्टरों और स्टाफ को क्लीन चिट देने में लगे हुए हैं, जबकि जेके लोन अस्पताल में चिकित्सकों और स्टाफ की कमी है. शिशु रोग विभाग में करीब 100 उपकरण खराब पड़े हैं. इनमें कई नेबुलाइजर, इन्फ्यूजन पंप, वार्मर, एक्स रे मशीन और वेंटिलेटर शामिल हैं. इन कमियों के साथ जेके लोन अस्पताल शिशुओं को जीवनदान देने की जगह उनकी जिंदगी छिनने का काम करते हुए 'मौत वाला अस्पताल' के रूप में तब्दील हो गया है.
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