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SPECIAL: कोरोना के साथ डेंगू का खतरा भी बढ़ा, न फॉगिंग और न एंटी लार्वा का कराया छिड़काव, कब तक सोता रहेगा प्रशासन? - Municipal administration careless

देश में कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों से लोग पहले ही परेशान हैं. ऐसे में अब बारिश के बाद मच्छरों की संख्या बढ़ने से डेंगू, चिकनगुनिया आदि बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है. इसके बाद भी नगर निगम प्रशासन की ओर से फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं कराया गया है. इससे लोगोंं में डर फैल रहा है. देखें- ये स्पेशल रिपोर्ट..

Antillar sprayed even after rain
बारिश के बाद भी नहीं कराया एंटीलार्वा का छिड़काव

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Published : Jul 25, 2020, 6:54 PM IST

जयपुर.कोरोना के साए में जी रही जयपुर की जनता को अब डेंगू का डर भी सताने लगा है. बारिश के बाद एकत्र पानी में मच्छरों के पनपने से मच्छर जनित बीमारी का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. जयपुर में डेंगू के 125 पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी अब तक नगर निगम प्रशासन की ओर से एंटीलार्वा का छिड़काव और फॉगिंग नहीं शुरू कराई गई है.

जलजमाव से बीमारी का खतरा बढ़ा

राजधानी में अब तक बारिश भले ही सामान्य से कम हुई है, लेकिन जिस दिन भी हुई कई इलाके तालाब बन गए. कुछ स्थानों पर तो जलजमाव की स्थिति आम बात हो गई है. यहां बारिश खत्म होने के बाद भी कई दिनों तक समस्या बनी रहती है. कोटा क्षेत्र हो या बाहरी इलाके या फिर पॉश इलाके बारिश के दिनों में इस समस्या से दो चार हो रहे हैं. बारिश के बाद गंदगी और जलजमाव से पानी में मच्छर पनपने से डेंगू का खतरा भी मंडरा रहा है. बावजूद इसके न तो चिकित्सा महकमा जागा और न नगर निगम प्रशासन ने सुधि ली है.

निगम प्रशासन की ओर से एंटी लार्वा एक्टिविटी और फॉगिंग का काम भी नहीं करया गया है. चिकित्सा विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध डाटा के अनुसार प्रदेश में अब तक डेंगू के 350 मरीज सामने आ चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा राजधानी जयपुर में 125 डेंगू के केस सामने आए हैं. हालांकि 15 जुलाई के बाद इसे अपडेट नहीं किया गया. संभव है कि इस आंकड़े में कुछ मरीज और जुड़े हों. गनीमत है कि फिलहाल मलेरिया और जीका वायरस अपने पैर नहीं पसार सका है, जबकि चिकनगुनिया के 68 केस सामने अब तक आ चुके हैं.

जलजमाव से बीमारी का खतरा बढ़ा

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उधर, निर्देश के बावजूद निगम प्रशासन और चिकित्सा महकमे में सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा. निगम एडिशनल कमिश्नर अरुण गर्ग ने कहा कि हर वर्ष जिला कलेक्टर के निर्देश पर मेडिकल डिपार्टमेंट से समन्वय रखते हुए फॉगिंग का कार्य कराया जाता है. निगम ने अपने स्तर पर फॉगिंग का प्लान बना लिया है. इस वर्ष 10 हैंडहोल्ड छोटी फॉगिंग मशीन भी खरीदी गई है. इनके आने के बाद तंग गलियों में भी फॉगिंग कराई जा सकेगी. उन्होंने कहा कि कलेक्ट्रेट लेवल पर होने वाली मीटिंग में चिह्नित जगहों की प्राथमिकता तय की जाती है.

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वहीं एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा ने कहा कि मानसून के दौर में निचले इलाकों में पानी भर जाता है, ऐसे में मेडिकल डिपार्टमेंट के सहयोग से छिड़काव के निर्देश सभी नगरीय निकायों को दिए गए हैं. जिला कलेक्टरों को भी स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय निकायों के बीच सामंजस्य स्थापित कर फॉगिंग के कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं. यही नहीं जो स्थानीय निकाय कमजोर हैं, वो शहरी स्थानीय निकाय से संसाधन भी ले सकते हैं ताकि लोगों को कम असुविधा हो.

बता दें कि निगम प्रशासन जलजमाव वाले क्षेत्रों में पाईरीथ्रम का छिड़काव करता है, लेकिन फिलहाल निर्देश के बावजूद शहर में फॉगिंग की गतिविधि शुरू नहीं हुई है. ऐसे में डेंगू का डंक चिंता का विषय बना हुआ है.

वर्तमान में प्रदेश में मच्छर जनित बीमारियों के मामले :

बीमारीराजस्थानजयपुर
डेंगू 350 125
चिकनगुनिया 169 68
मलेरिया 176 0

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